हरियाणा में कोरोना वायरस के बाद अब ब्लैक फंगस के केस भी सामने आ रहे हैं। अब म्यूकरमाइकोसिस को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। अब तक कहा जा रहा था कि डायबिटीज रोगियों और कोरोना संक्रमित ब्लैक फंगस के चपेट में आ रहे हैं। लेकिन राज्य करीब 143 म्यूकरमाइकोसिस के मरीज सामने आए हैं। जिन्हें शुगर और कोविड दोनों नहीं था।
अब तक कोरोना इलाज के दौरान ऑक्सीजन और स्टेरायड से ब्लैक फंगस फैलने का खतरा माना जा रहा है। हरियाणा में सामने आए मामलों में धारणा गलत साबित हो गई। प्रदेश के गृहमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि म्यूकरमाइकोसिस के 454 केस सामने आए। इनमें 413 केस पर अध्ययन किया गया है। उन्होंने कहा कि इन रोगियों का इलाज अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों में चल रहा है।
विज ने कहा कि इलाज करने वाले डॉक्टरों से रिपोर्ट ली गई। जिसमें चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। राज्य में ब्लैक फंगस के 64 मरीज ऐसे मिलें, जिन्हें कोविड नहीं हुआ था। वहीं 79 रोगी ऐसे थे जो डायबिटीज मरीज नहीं था। उन्होंने कहा कि 110 केस ऐसे हैं जिन्हें किसी बीमारी के इलाज में अधिक स्टेरायड दिया गया। अनिल विज ने बताया कि 213 पेशेंट ऐसे हैं जो म्यूकरमाइकोसिस से पीड़ित है, लेकिन उन्हें कभी ऑक्सीजन सपोर्ट पर नहीं रखा गया। उन्होंने आगे कहा कि ब्लैक फंगस के फैलने का वास्तविक कारण पर रिचर्स करने की आवश्यकता है।