कोरोना के कारण मरीज की मौत हो जाने के बाद कर्नाटक में अगर कोई भी अस्पताल रिश्तेदारों द्वारा बिल का भुगतान न होने के कारण शवों को रोकेगा तो अस्पतालों का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। ऐसे अस्पतालों को लेकर सरकार ने सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव जावेद अख्तर ने इस संबंध में एक आदेश भी जारी कर दिया है जिसमें कहा गया है कि सरकार ने उन घटनाओं को गंभीरता से लिया है जिसमें अस्पतालों ने कोरोना से मरने वालों के शवों को उस समय तक रोक के रखा है जब तक परिजनों ने बिल का भुगतान नहीं कर दिया।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव जावेद अख्तर ने बताया कि निजी चिकित्सा प्रतिष्ठान अधिनियम (केपीएमई), 2007 के तहत कोई भी अस्पताल मृतक के शरीर को उसके निधन के बाद रिश्तेदारों को सौंपने से इनकार नहीं कर सकता है। ऐसे में जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिया गया है कि वह केपीएमई एक्ट -2007 के तहत ऐसे अस्पतालों का लाईसेंस ही रद्द कर दें।