कैसे भूल गए बाबा रामदेव,जब खुद ली थी एलोपैथी की शरण। बालकृष्ण को भी ले जाया गया था AIIMS

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बाबा रामदेव एक योग गुरु के साथ ही एक बड़े व्यापारी भी है। जो लोगो को भावनात्मक(emotionally) रूप से ब्लैक मेल करके अपने धंधे को बढ़ाते है। बाबा ने स्वदेशी जागरण मच के तहत अपनी दुकान भारत में जमाई थी ,यह बात किसी से नहीं छिपी है। बाबा ने योग के माध्यम से अपनी पहुंच घर घर में बनाई। उसके बाद उन्होंने अपना खेल खेलना शुरू किया।देखते ही देखते पतंजलि कंपनी हजारो करोड़ की कंपनी बन गई। अभी हाल ही में बाबा रामदेव ने इंदौर की रूचि सोया कंपनी को ख़रीदा है। कमाल की बात यह है कि योग सिखाने वाला बाबा रातों रात अरब पति कैसे बन गया। आप योग सिखाये। लेकिन किसी अन्य पद्धिति को बकबास बोलने का अधिकार किसने दिया।

देहरादून के हिमालयन अस्पताल में भर्ती
आर्ट ऑफ लिविंग वाले श्री श्री रविशंकर अस्पताल पहुंचे थे और उन्होंने रामदेव का उपवास खत्म करवाया था।

एलोपैथी एक स्टूपिड साइंस है यह बात योग गुरू रामदेव ने हाल ही में कही थी, व्हाट्सएप पर फॉरवर्ड किए मैसेज का हवाला देते हुए बयान पर घिरे तो स्वास्थ्य मंत्री की ओर से दबाव बना तो गलती मान ली, भले ही पतंजलि आयुर्वेद के सर्वेसर्वा ने अपनी टिप्पणी वापस लेते हुए मामला शांत कर दिया हो, पर कहीं खुद उन्होंने और उनके करीबी सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने इसी एलोपैथी की शरण ली थी। बात अन्ना आंदोलन के समय की है, देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाजें बुलंद थी। रामदेव भी तब मुखर होकर मोर्चा खोल रहे थे. वह दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन पर बैठ गए थे। 4 जून सन 2011 की शाम तत्कालीन केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने दावा किया कि उन्हें अनशन खत्म करने से जुड़ी रामदेव की चिट्ठी मिली है। हालांकि योग गुरु ने उनके दावे को झूठ करार दिया, थके रामदेव रात को नींद नहीं ले रहे थे। तभी वहां पुलिस पहुंची जिसके बाद वहां हंगामा खड़ा हो गया था। बाबा कुछ ही देर में मंच पर आए और स्टेज से अचानक कूद पड़े। इस बीच आंसू गैस के गोले दागे गए थे, सलवार कमीज में रामदेव नई दिल्ली निकले तो पुलिस ने पकड़ लिया और वहां से देहरादून भेज दिया गया। हालांकि वह वहां भी अनशन पर अड़े रहे थे, पर योग गुरु की जिद की वजह से उनका स्वास्थ्य गड़बड़ा गया था। उन्हें देहरादून के जौलीग्रांट अस्पताल शिफ्ट किया गया था। रामदेव को इस दौरान बी पी की दिक्कत हुई थी। साथ ही उनका करीब 5 किलो वजन भी कट गया था। यह बात 10 जून के आसपास की है, रामदेव का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने मीडिया के सामने बताया था कि रामदेव के कई पैरामीटर्स में गिरावट आ गई थी। डॉक्टरों ने तब इलाज किया था आईसीयू के बराबर में एक रूम था। जहां उन्हें रखा गया था सेलाइन के साथ विटामिंस दिए गए थे, बता दें कि सलाइन सॉल्यूशन एक सरल लेकिन बहुत शानदार चीज है। जिन मामलों में डिहाइड्रेशन के जोखिम से जान जाने का खतरा हो उनमें यह जिंदगी बचाने की क्षमता रखता है नमकीन घोल को लोग सलाइन सॉल्यूशन के रूप में भी जानते हैं। बरहाल बाद में आर्ट ऑफ लिविंग वाले श्री श्री रविशंकर अस्पताल पहुंचे थे और उन्होंने रामदेव का उपवास खत्म करवाया था। बालकृष्ण भी रामदेव के साथ अस्पताल में थे। यही नहीं 23 अगस्त 2019 को बालकृष्ण की अचानक तबीयत बिगड़ गई थी बताया गया कि वह बेहोश हो गए। आनन-फानन में उन्हें पतंजलि योगपीठ के नजदीक एक अस्पताल ले जाया गया। वहां के मेडिकल जांच करने वाले डॉक्टरों ने बताया था कि उन्हें जब यहां लाया गया तो वह सही से बोल नहीं पा रहे थे, कि उन्हें क्या दिक्कत है। सभी टेस्ट नॉर्मल है पर न्यूरो को ध्यान में रखते हुए एम्स रेफर किया है, बाद में ऋषिकेश स्थित एम्स ले जाया गया था। जहां उनका इलाज हुआ था इस दौरान कुछ मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा है। वैसे रामदेव के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने पत्रकारों से कहा था कि चिंता की बात नहीं है आचार्य बालकृष्ण की हालत स्थिर है।

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