कोरोना महामारी की दूसरी लहर से अभी देश निपटा भी नहीं की तीसरी ने दस्तक दे दी है। कर्नाटक के बाद अब राजस्थान में कोरोना ने बच्चों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। यहां 341 बच्चों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है, जिसके बाद प्रशासन सतर्क हो गया है। इसी बीच कर्नाटक से खबर है कि वहां 2 महीनों के भीतर 9 साल से छोटे 40 हजार बच्चे संक्रमित हो गए हैं।
सभी बच्चाें का घर में चल रहा ईलाज
चिकित्सा विभाग के आंकड़ों के अनुसार 1 से 21 मई तक 0 से 18 वर्ष तक के 341 बच्चों कोरोना से संक्रमित हुए है। प्रदेश के डूंगरपुर जिले में जहां दस दिन में करीब 300 बच्चों में कोरोना होने की खबर आ रही है वहीं दौसा में भी पिछले 21 दिनों में 341 बच्चों कोरोना पाॅजिटिव पाए गए। जिला कलेक्टर पीयूष समारिया का कहना है कि संक्रमित आने के बाद एक भी बच्चा अस्पताल में एडमिट नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देकर व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही है।
तीसरी लहर बच्चों के लिए बेहद ख़तरनाक: एक्सपर्ट्स
डॉक्टरों और एक्सपर्ट्स ने पहल ही आगाह करते हुए कहा था कि तीसरी लहर बच्चों के लिए बेहद ख़तरनाक साबित हो सकती है। कोरोना की पहली लहर में RT-PCR टेस्ट में चार फ़ीसद बच्चे पॉज़िटिव पाए गए थे और दूसरी लहर में ये संख्या 10 प्रतिशत तक पहुंच गई। अब इसे लेकर हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि ज्यादातर बच्चों की देखभाल और इलाज घर पर ही किया जा सकता है। मंत्रालय ने बच्चों में कोरोना के लक्षण होने या कोरोना पॉजिटिव होने पर उनकी देखभाल के लिए गाइडलाइन जारी की है
स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह
कोविड के हल्के लक्षण पर बच्चों की घर पर करें देखभाल
बिना लक्षण वाले बच्चों की घर पर ही हो सकती है देखभाल
बच्चों के ऑक्सीजन लेवल पर ऑक्सीमीटर से लगातार रखें निगाह
बुखार के दौरान पैरासिटामोलहर 4 से 6 घंटे में देने की सलाह
गले में खराश और खांसी के लिए गर्म पानी के कराएं गरारे
बच्चों के शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए दें फ्लूइड्स और पौष्टिक आहार
ऑक्सीजन का स्तर 94% से कम होने पर डॉक्टर की लें सलाह
हल्के लक्षणों के लिए न दें एंटीबायोटिक