भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है। पॉजिटिविटी रेट 5.4 प्रतिशत हो गया है। मरीजों की संख्या लगातार कम हो रही है और स्वस्थ होकर घर जाने वाले व्यक्तियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना के प्रकरण न्यूनतम होने के बाद भी प्रदेश में ‘योग से निरोग’ कार्यक्रम जारी रहेगा, क्योंकि हमें प्रदेशवासियों को कोरोना की तीसरी वेव के लिए तैयार करना है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और व्यक्ति को स्वस्थ, सकारात्मक एवं ऊर्जावान बनाए रखने में योग बहुत प्रभावी है। मुख्यमंत्री चौहान ‘योग से निरोग’ कार्यक्रम के अंतर्गत होम आइसोलेशन प्रतिभागियों एवं योग प्रशिक्षकों से निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा संवाद कर रहे थे। कार्यक्रम में गुरु देव श्री श्री रविशंकर तथा योग गुरू स्वामी रामदेव ने भी प्रतिभागियों को ऑनलाईन मार्गदर्शन प्रदान किया।
कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार, आयुष राज्य मंत्री रामकिशोर कावरे, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष भरत बैरागी, इण्डियन योग एसोसिएशन की चेयरपर्सन डॉ. पुष्पांजलि शर्मा, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरुण शमी तथा प्रमुख सचिव आयुष श्रीमती करलिन खोंगवार देशमुख भी ऑनलाइन सम्मिलित हुईं।
योग के परिणामस्वरूप कोरोना का घातक प्रभाव नहीं हुआ : मुख्यमंत्री चौहान
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि मैं स्वयं कोरोना से प्रभावित हो गया था। चूंकि मैं कई वर्षों से योग कर रहा हूँ। अत: कोरोना का कोई घातक प्रभाव मुझ पर नहीं हुआ। हमारे परिवार के सभी सदस्य प्रतिदिन ध्यान और प्रणायाम अभ्यास करते हैं। मेरा यह व्यक्तिगत अनुभव है कि योग आत्म-विश्वास, सकारात्मकता और ऊर्जा बनाए रखने का प्रभावी माध्यम है। कोरोना के बाद आ रही ब्लैक फंगस, वाइट फंगस जैसी जटिलताओं से बचने में आयुर्वेदिक परंपराएँ, योग का अनुसरण सहायक सिद्ध हो सकता है। मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश में कोविड के होम आइसोलेशन रोगियों को मार्गदर्शन देने के लिए श्री श्री रविशंकर गुरुदेव और योग गुरु रामदेव जी का आभार माना। मुख्यमंत्री चौहान ने होम आइसोलेशन रोगियों खण्डवा की श्रीमती खैरुनिशा परियानी, खण्डवा के ही सुरेन्द्र जैन, बालाघाट की श्रीमती जयश्री ठाकरे और ग्वालियर के योग प्रशिक्षक जयदयाल शर्मा और श्रीमती आराधना दुबे से बातचीत भी की।
एक मुख्यमंत्री का जनता से मामा जैसा संबंध होना अनूठा उदाहरण : गुरुदेव श्री श्री रविशंकर
गुरुदेव श्री श्री रविशंकर ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान ने सत्ता में रहते हुए प्रदेश के जन-जन से मामा का जो संबंध जोड़ा है वह उनका जनता के प्रति प्रेम और संवेदनशीलता का अनूठा उदाहरण है। योग विद्या जैसी गतिविधियों का राज्य के समर्थन से अधिक प्रभावी तरीके से संचालन संभव है। इस दिशा में मध्यप्रदेश द्वारा की गई पहल सराहनीय और प्रदेशवासियों के लिए कल्याणकारी है। श्री श्री रविशंकर ने कहा कि कोरोना के इस तांडव में आत्म-बल और मनोबल को बनाए रखना आवश्यक है। मजबूत मन कमजोर शरीर को आगे ले जा सकता है इसके लिए योग और प्रणायाम से प्रभावी कोई रास्ता नहीं है। हमारी भोजन शैली व भोजन प्रक्रिया में रोग प्रतिरोधक तत्व हैं अत: परंपरागत भोजन, आचार-विचार, योग पद्धति निरोगी रहने का प्रामाणिक मार्ग है। श्री श्री रविशंकर ने पूर्वाग्रह और अंधविश्वास से मुक्त रहते हुए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ परंपरागत ज्ञान-विज्ञान को अपनाने की आवश्यकता बताई।
कोरोना से बचाव के लिए योग पर आधारित कार्यक्रम आरंभ करना विश्व की एकमात्र पहल : स्वामी रामदेव
योग गुरु रामदेव ने कहा कि कोरोना वैश्विक आपदा है। ऐलोपैथिक दवाओं के अधिक उपयोग ने रोग प्रतिरोधक क्षमता को घटाया है। इसके परिणाम स्वरूप ब्लैक फंगस और वाइट फंगस जैसे जटिल रोग सामने आ रहे हैं। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कोरोना से बचाव के लिए योग पर आधारित कार्यक्रम आरंभ करने की पहल को विश्व में एकमात्र ऐसी कोशिश बताते हुए योग गुरु रामदेव ने कहा कि कोरोना के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के परिणाम स्वरूप लोगों का योग और आयुर्वेद में विश्वास बढ़ा है। कोरोना की दवा यही है कि आप कितने सशक्त हैं आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कितनी है। इन दोनों में योग बहुत अधिक सहायक है। हमारे पूर्वजों के ज्ञान में यदि रोगों के समाधान हैं तो उनका उपयोग होना चाहिए। बिना धर्म, मजहब में बँटे हमें इस संचित ज्ञान और पद्धतियों का लाभ लेना होगा। योग गुरु ने कहा कि योग व्यक्ति को दु:ख, दारिद्रय, रोग, कुंठा, निराशा से निकालने और सकारात्मक बनाए रखने में सहायक है।
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरुण शमी ने कहा कि ‘योग से निरोग’ कार्यक्रम का लक्ष्य है कि जो मरीज वर्तमान में होम आईसोलेशन में है वे वहीं रहकर ठीक हों और उन्हें अस्पताल जाने की जरूरत न पड़े। कोरोना महामारी में मरीजों को तनाव और अवसाद से बचाना, उनका मनोबल बनाए रखना और योग के साथ पौष्टिक आहार के संबंध में मार्गदर्शन प्रदान करना भी कार्यक्रम में सम्मिलित है। ‘योग से निरोग’ कार्यक्रम में मरीजों को दिन में दो बार वीडियो कॉल या फोन कॉल द्वारा योग, ध्यान, आसन प्राणायाम का अभ्यास कराया जाता है। वर्तमान में प्रदेश में 93 हजार व्यक्तियों को तीन हजार से अधिक प्रशिक्षक सेवाएँ उपलब्ध करा रहे हैं।