28 मई तक इंदौर जिले में किराना तथा फल-सब्जी का विक्रय प्रतिबंधित

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इंदौर।

कोरोना संक्रमण की कड़ी तोड़ने के लिए प्रशासन ने जनता कर्फ्यू को अब और सख्त बनाने का फैसला किया है। सख्ती के तहत किराना, ग्रोसरी की दुकानों और फल-सब्जी की बिक्री पर 28 मई तक पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। इंदौर जिले की सभी थोक और खेरची निजी किराना दुकानें 28 मई तक बंद रहेंगी। चोइथराम और निरंजनपुर फल व सब्जी मंडियाें के अलावा जिले के सभी हाट-बाजार तत्काल प्रभाव से बंद रहेंगे।

इस संबंध में कलेक्टर मनीषसिंह ने धारा-144 के तहत आदेश जारी किए हैं। किराना दुकानों व सब्जी मंडियों के लिए पहले से लागू सारे आदेश अब वापस ले लिए गए हैं। नए आदेश के मुताबिक, बिग बास्केट, आनडोर, बिग बाजार जैसी एजेंसियां पहले की तरह केवल किराना और ग्रोसरी आयटम की होम डिलीवरी करती रहेंगी। होम डिलिवरी लोडिंग वाहनों से दो कर्मचारियों के साथ की जा सकेगी। साथ ही कर्मचारियों के पास पहचान-पत्र होना अनिवार्य है। होम डिलिवरी सुबह 6 से शाम 5 बजे तक ही हो सकेगी।

दूध का घर-घर वितरण सुबह 9 बजे तक और शाम 5 से 7 बजे तक किया जा सकेगा। अगर दूध डेयरी से दूध का बांटा जाता है तो दुकान के शटर आधे बंद रहेंगे। साथ ही दूध दुकान के बाहर रखकर शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए या गोले बनाकर ही दूध बांटा जा सकेगा। सुबह 9 बजे के बाद दूध वितरण पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी। राजस्व अमले और ग्राम पंचायत के जरिए ग्रामीण क्षेत्र में किराना दुकानें बंद कराने की जिम्मेदारी एसडीएम की रहेगी। इसी तरह सभी नगरीय निकाय क्षेत्रों में भी यह दुकानें शत-प्रतिशत बंद रहेंगी।

इसलिए लगाया प्रतिबंध: अब भी घरों से बेवजह निकल रहे लोग, 31 मई तक तोड़ना है कोरोना की कड़ी

दरअसल, जिले में 29 मई तक जनता कर्फ्यू पहले से है। इसके बावजूद दिन में और शाम को कुछ लोग बेवजह घर से बाहर निकल रहे हैं। दी गई छूट का दुरुपयाेग किया जा रहा है। जनता कर्फ्यू के बीच सख्ती का यह शिकंजा इसलिए कसा गया है कि 31 मई तक कोरोना की कड़ी को और कमजोर कर दिया जाए, जिससे संक्रमण की घटती दर और नीचे चली जाए। दूसरी तरफ यह प्रतिबंध इसलिए भी सख्त किया गया है कि 1 जून के बाद अधिक संक्रमित क्षेत्रों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में विभिन्न गतिविधियों को खोलने की शुरुआत भी की जाएगी।

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