गुजरात के प्रसिद्ध केसर आम का स्वाद भी अब खट्टा होने वाला है। चक्रवात के कारण केसर आम की आधी फसल बर्बाद हो गई, इससे सौराष्ट्र के किसानों को करीब 2 हजार करोड रुपए के नुकसान का अनुमान है।गुजरात के समुद्र तट से टकराए चक्रवात ने जहां जनजीवन को तो अस्त-व्यस्त कर ही दिया। वही अब फलों के राजा आम का भी स्वाद बिगाड़ दिया। अगर आप केसर आम के शौकीन हैं तो हो सकता है आपको अब केसर आम के लिए पहले से अधिक रकम चुकानी पड़े। गुजरात में इस साल करीब 1 लाख 66358 हेक्टेयर में केसर आम की बाड़ी थी जिन से 10 से 12 लाख मीट्रिक टन केसर आम के उत्पादन की संभावना थी। गुजरात में सौराष्ट्र एवं दक्षिण गुजरात में सबसे अधिक आम की बाड़ी है। गिर सोमनाथ, भावनगर अमरेली ऊना,तलाला,धारी, नवसारी, वलसाड, तापी सबसे बड़े आम उत्पादक जिले हैं। सौराष्ट्र के किसान महेश भाई पटेल बताते हैं कि चक्रवात के कारण आम की फसल को काफी नुकसान हुआ है। बड़ी संख्या में पेड़ उखड़ गए। सौराष्ट्र के प्रसिद्ध केसर आम की आधी फसल चक्रवाती तूफान के कारण नष्ट हो गई है। किसानों को इससे करीब 2 हजार करोड के सीधे नुकसान का अनुमान है। सौराष्ट्र के गोंडल यार्ड में प्रतिदिन 25 से 30 हजार आम के बॉक्स का कारोबार होता है जहां केसर आम का भाव 900 से 1200 रु [प्रति 10 किलो] होता है।
भारत की प्राण शक्ति बहुत से लोगों को दिखाई नहीं देती: आरएसएस प्रमुख
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि भारत के पास अपनी प्राण शक्ति है, लेकिन यह कई लोगों को दिखाई नहीं देती क्योंकि उनकी…