जबलपुर। सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा के द्वारा नकली इंजेक्शन खरीदने और फिर उसे अपने ही अस्पताल के मरीजों को लगाने के मामले में एक महिला ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए एसपी ऑफिस में शिकायत की है। महिला का आरोप है कि पुलिस रेड से पहले सिटी हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती 5 मरीज जिन्हें रेमडेसिविर लगे थे, उनकी हत्या कर दी गई ताकि वे पुलिस के सामने बयान न दे सकें।
एसपी ऑफिस पहुंची महिला नीतू शिवहरे ने आरोप लगाया है कि उसके पति मनोज शिवहरे का इलाज सिटी हॉस्पिटल में चल रहा था। उसके पति मनोज शिवहरे को भी नकली रेमडीसीवीर इंजेक्शन लगाए गए जिससे उसकी मौत हो गई। इतना ही नहीं जिस दिन पुलिस की रेड पड़ने वाली थी उस दिन पुलिस के आने की कुछ घंटे पहले ही आईसीयू में भर्ती कम से कम पांच मरीजों की अचानक एक साथ बेहद संदिग्ध तरीके से मौत हो गई।
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महिला नीतू शिवहरे का आरोप है कि इन मरीजों को भी नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन दिया गया था इसलिए इन्हें पुलिस के आने के पहले मार दिया गया जिससे वे कोई बयान ना दे सके। पीड़ित महिला नीतू शिवहरे का कहना है कि उसके पति को 1 मई को कोरोना के इलाज के लिए दाखिल कराया गया था, 7 मई तक उसकी वीडियो काल के माध्यम से लगातार बात हो रही थी। इसके बाद 9 मई को अस्पताल प्रबंधन ने बताया उसके पति की मौत हो गई है। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने इस संबंध में उसे कोई जानकारी नहीं दी बल्कि इलाज के नाम पर साढे तीन लाख रुपए ले लिए।
पीड़ित महिला ने पुलिस अधिकारियों को दी गई लिखित शिकायत में इस पूरे मामले की बारीकी से जांच और सरबजीत सिंह मोखा के खिलाफ हत्या के तहत मामला दर्ज करने की मांग की है। इस मामले को देख रहे एडिशनल एसपी रोहित काशवानी ने पीड़ित महिला को उचित जांच का आश्वासन दिया है।