जबलपुर में कोरोना मरीजाें को नकली रेमडेसिविर लगाने के मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़े एक्शन की तरफ इशारा किया है। उन्होंने पुलिस महानिदेशक (DGP) विवेक जौहरी को निर्देश दिए कि नकली रेमडेसिविर बनाने वालों को गुजरात से उठा कर लाओ। इंजेक्शन भले ही वहां बने, लेकिन मध्य प्रदेश में बेचे गए। उन्होंने कहा कि पूरी संभावना है कि इंजेक्शन जानबूझकर नकली बनाए गए, इसलिए मरीज को असली डोज नहीं लग पाए।
मुख्यमंत्री के बुधवार शाम बुलाई कोरोना की समीक्षा बैठक में तल्ख तेवर दिखे। उन्होंने कहा, हो सकता है कि असली रेमडेसिविर लगते, तो शायद कई लोगों की जान बच जाती। यह हत्या का मामला बनता है। उन्होंने डीजीपी से कहा कि असली जड़ तो गुजरात में है। उन्हें भी नहीं छोड़ना है। आरोपियों को गिरफ्तार करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मामले का कानून और विधि पूर्वक परीक्षण करें। मैं इतना चाहता हूं कि ऐसे नरपिशाच किसी भी कीमत पर बच ना पाएं। मामले की पूरी गहराई में जाकर तहकीकात की जाए। इससे पहले, डीजीपी ने बताया कि जबलपुर में नकली रेमडेसिविर की सप्लाई करने वालों और जिस सिटी हॉस्पिटल में मरीजों को नकली इंजेक्शन लगाए गए, उसके संचालक सबरजीत सिंह मोखा और मेडिसिन इंचार्ज चौरसिया पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) की कार्रवाई की गई है।
एमपी के केंद्रीय मंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार रात 9 बजे मध्यप्रदेश का दिल्ली में प्रतिनिधित्व कर रहे मंत्रियों एवं विभागीय अधिकारियों के साथ कोरोना से जुड़े विभिन्न विषयों पर वर्चुअल चर्चा करेंगे। बैठक में मंत्री थावरचंद गहलोत, नरेंद्र सिंह तोमर, धर्मेंद्र प्रधान, प्रह्लाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते सहित केंद्र सरकार की प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारी जुड़ेंगे।
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