महाकाल के सेवक मरीजों की सांसों के लिए बने देवदूत

इंदौर

सुबह से रात तक इंदौर ऑक्सीजन प्लांट से सिलेंडर लेने जाते है और फिर जिस अस्पताल में आवश्यकता है वहां भी कर रहे सप्लाई

उज्जैन: कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बाद ऑक्सीजन का संकट गहरा गया है। मरीजों की सांस चलती रहे इसके लिए महाकाल के सेवक ऑक्सीजन को अपने निगरानी में पहुंचा रहे हैं। इंदौर व उज्जैन कलेक्टर के आपसी तालमेल के बाद इंदौर के ऑक्सीजन प्लांट से प्रतिदिन शहर के अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई से सैंकड़ों मरीजों को जीवनदान मिला है। रात-दिन काम करने वाले महाकाल के सेवक देवदूत से कम नहीं है। महाकाल मंदिर समिति के 12 सेवक सांसों को लेने के लिएरोजाना सुबह इंदौर प्लांट पर बारी-बारी से निकल पड़ते है।

इंदौर प्लांट में लेने जाते है और फिर उज्जैन के अस्पतालों में सप्लाई भी

शहर में कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेजी से बढ़ने के बाद मौजूदा अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के कारण भर्ती मरीजों की सांस थमने लगी थी। ऐसे में कलेक्टर आशीष सिंह और इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह के आपसी तालमेल ने मरीजों की सांस लौटाने का काम किया। प्लांट से आने वाली ऑक्सीजन की कालाबाजारी रोकने के लिए कलेक्टर आशीषसिंह के निर्देश पर श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति के कर्मचारियों को इंदौर-उज्जैन के बीच तैनात किया गया। जिससे प्लांट से निकले सिलेंडर आवश्यकता वाले अस्पतालों तक पहुंच सके। श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि अलग-अलग शिफ्ट में मंदिर के प्रोटोकॉल व अन्य व्यवस्थाएं संभालने वाले 12 कर्मचारियों को इंदौर से आने वाले ऑक्सीजन सिलेंडर को अस्पताल तक पहुंचाने की ड्यूटी में लगाया है। महाकाल मंदिर में सेवक के पास
ऑॅक्सीजन सिलेंडर वाहन में लोड होने के बाद अधिकारियों के मैसेज के माध्यम से सूचना मिलती है कि किस अस्पताल में कितने सिलेंडर पहुंचाना है। बस निर्देश मिलते ही सभी कर्मचारी मरीजों तक सांस पहुंचाने के काम में जुट जाते है। इधर इंदौर कलेक्टर ने प्लांट का निरीक्षण किया तो पता लगा कि उज्जैन से महाकाल मंदिर समिति के कर्मचारी सुबह 7 बजे ही पंहुच जाते है और फिर तीन बजे तक प्लांट से निकलते है। कलेक्टर मनीष सिंह ने सभी 12 लोगों के लिए खाने पीने की व्यवस्था इंदौर प्रशासन से करवा दी।
 

रात-दिन की तीन शिफ्ट में जुटे है कुल 20 कर्मचारी

मंदिर समिति द्वारा कार्यरत कर्मचारियों को 18 अप्रैल से अलग-अलग शिफ्ट में तैनात किया गया है। इसके तहत रात 11 बजे से सुबह 7 बजे तक संजय सिंह परिहार, योगेश नामदेव, अशोक लांडगे, रंजीत झा है। प्रात: 7 से दोपहर 3 बजे की शिफ्ट में राजेंद्र सिंह सिसोदिया, भीमराज खांडेकर, अखिलेश पांडे, धर्मपाल वियोगी, दोपहर 3 से रात 11 बजे की शिफ्ट में अनुराग चौबे, रितेश शर्मा, अखिल खंडेलवाल और सावन प्रजापति को आदर्श ऑक्सीजन प्राइवेट लिमिटेड सांवेर रोड इंदौर से ऑक्सीजन सप्लाई के लिए नियुक्त किया है। इसी तरह 30 अप्रैल को एक अन्य आदेश जारी कर रात 11 बजे से सुबह 7 बजे तक मोहनीश गरुड़, संजीव श्रीवास्तव को वहीं सुबह 7 से दोपहर 3 बजे तक लोकेश कुहीकर और दोपहर 3 से रात 11 बजे तक भगवान सिंह परमार व दिनेश बैंडवाल को कुश एजेंसी ऑक्सीजन प्लांट ताजपुर मक्सी रोड स्थित प्लांट की जिम्मेदारी दी है।
 

गाड़ी रवाना होते ही पल-पल की दी जाती जानकारी

इंदौर और ताजपुर प्लांट से ऑक्सीजन सिलेंडर गाड़ी में लोड होने के बाद जिम्मेदार सभी कर्मचारियों के मोबाइल से पल-पल की जानकारी ली जाती है। कारण है कि इसके पूर्व सिलेंडर की सप्लाई में वाहन चलाने वाले ही कालाबाजारी करने पर उतर गए थे। अब जिम्मेदार कर्मचारियों को मोबाइल पर ही बताया जाता है किस अस्पताल में कितने सिलेंडर दिए जाना है। वहां उतने सिलेंडर पहुंचाए जा रहे है। कर्मचारियों की निगरानी के कारण कालाबाजारी पर रोक लग गई। वहीं उज्जैन पंहुचते ही ऑक्सीजन से भरे वाहन को पुलिस सुरक्षा मिल जाती है।
कलेक्टर आशीष सिंह ने कर्मचारियों पर जो विश्वास किया था उसके सुखद परिणाम निकले है। कोरोना की महामारी में मरीजों को सांसें उपलब्ध कराने के लिए देवदूत के रूप में कर्मचारी जुटे हैं, जिससे मरीजों को जीवनदान मिल रहा है।

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