ड्राई स्वेब तकनीक से तेज हो सकेगी कोरोना जांच

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देश में कोरोना महामारी लगतार बढ़ रही है। कोविड को रोकने के लिए सबसे जरूरी है कि संक्रमित लोगों की पहचान की जाएं। इसके लिए बड़े स्तर पर टेस्टिंग करने की आवश्यकता है। अब टेस्टिंग का सबसे तेज और सस्ता बनाने वाला एक नई तकनीक की खोज हुई है। जिसमें ड्राई स्वेब की सहायता से कोविड 19 की जांच होती है। दरअसल सेंटर फॉर सेल्यूलर एंड मॉलीक्यूलर बायोलॉजी ने टेस्ट के नया तरीका इजाद किया है।

ड्राई स्वेब तकनीक सस्ती और सुरक्षित

सीसीएमबी के निर्देशक राकेश मिश्रा ने कहा कि ड्राई स्वेब तकनीक सस्ती, सुरक्षित, तेज और ज्यादा सही रिजल्ट देने वाली है। उन्होंने कहा, ‘इस नई तकनीक की मदद से टेस्ट करने की स्पीड 300 फीसद बढ़ोतरी होने की संभावना है।’ मिश्रा ने कहा कि फिलहाल जिस स्वेब टेस्टिंग से टेस्ट हो रहा है, उसमें नीसोफरेंजल स्वेब का उपयोग होता है। इसमें सैंपल लेकर किसी कंटेनर या ट्यूब में रखा जाता है। जिसमें पिंक कलर का एक लिक्विड पदार्थ होता है। इसे जांच के लिए लैब भेजा जाता है।

ट्रांसपोर्ट और पैसे की बचत होगी

राकेश ने कहा, मौजूदा इस्तेमाल हो रही तकनीक में कुछ कमियां है। इसमें काफी समय लगता है। साथ आरएनए एक्सट्रेक्शन का कार्य भी महंगा है। उन्होंने बताया कि नई तकनीक में स्वेब को वायरस ट्रांसपोर्ट मीडियम वाले कंटेनर को सूखे कंटेनर में रखकर आगे लैब में भेजा जाएगा। मिश्रा ने कहा कि इससे ट्रासंपोर्ट के पैसे बचेंगे और समय की बचत भी होगी।
विश्व में एक दिन में बढ़े 9 लाख से ज्यादा संक्रमित

विश्व में एक दिन में 9 लाख से ज्यादा संक्रमित बढ़ गए हैं। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के डाटा के अनुसार शुक्रवार सुबह वैश्विक आंकड़ा 15 करोड़ एक लाख दो हजार 206 हो गया है। जबकि संक्रमण से दम तोड़ने वालों का संख्या 31 लाख 61 हजार 637 है। कोविड महामारी से यूएस सबसे अधिक प्रभावित है। यहां अबतक कुल 3 करोड़ 30 लाख 40 हजार से ज्यादा केस सामने आए हैं। अमेरिका के बाद भारत और ब्राजील वायरस से सबसे अधिक जूझ रहे हैं। ब्राजील में मरने वालों की संख्या चार लाख से अधिक हो गई है।

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