सायलो केंद्र पर 5 हजार मैट्रिक टन गेहूं रखने की बची जगह, किसान परेशान

मध्यप्रदेश विदिशा व्यापार

गंजबासौदा। समर्थन मूल्य पर किसानों की उपज सुविधाजनक ढंग से खरीदने के लिए गमाखर के पास बनाए गए सायलो प्लांट अब अपनी पूरी क्षमता के अनुसार भरने जा रहा है। इस प्लांट की क्षमता 34 हजार मीट्रिक टन है और अब इसमें मात्र 5 हजार मीट्रिक टन गेहूं रखने की जगह ही शेष रह गई है। ऐसी स्थिति में सायलो केन्द्र आगामी दो से तीन दिन में पूरी तरह भर जाएगा। उधर सायलो केन्द्र प्रबंधन का कहना है कि केन्द्र की क्षमता पूरी होने के बाद भी किसानों की उपज की तौल बंद नहीं कराई जाएगी और अतिरिक्त जगह लेकर या पूर्व से खरीदी गई। उपज को वेयर हाउस में भंडारित करने की व्यवस्था की जा रही है।

ज्ञात हो कि इलाके में तीन वर्ष पूर्व तक विभिन्न सहकारी समितियों के माध्यम से गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाती थी। जिसमें किसानों को काफी असुविधाओं का सामना करना पडता था। इसी को देखते हुए गत वर्ष प्रशासन ने गमाखर में सायलो प्लांट स्थापित कराया था, जिसके माध्यम से 20 से अधिक सहकारी समितियों के किसानों का गेहूं ज्यादा व्यवस्थित ढंग से खरीदकर सुरक्षित भंडारण किया गया था, लेकिन गत वर्ष भी सायलो केन्द्र उपार्जन अवधि पूरी होने के पहले ही भर गया था और शेष किसानों की उपज को फिर सहकारी समितियों के केन्द्रों पर ही खरीदना पड़ा था।

गत वर्ष से सीख लेते हुए प्रशासन ने इस बार सायलो केन्द्र पर मात्र 10 सहकारी समितियों से संबंधित किसानों की उपज की खरीदी का ही अनुबंध किया था। जबकि शेष सहकारी समितियों को उनके केन्द्र पर या वेयर हाउस पर खरीदी के निर्देश दिए गए थे। इधर सायलो केन्द्र पर शुरुआत में गेहूं, खरीदी काफी व्यवस्थित और सुविधाजनक ढंग से चली, लेकिन अप्रैल माह से सायलो केन्द्र पर भी इतनी भीड बढ़ गई कि अब यहां आने वाले किसानों को अपनी उपज तौल कराने के लिए तीन तीन दिन लाइन में लगना पड़ रहा है। हालत यह है कि सायलो केन्द्र पर उपज लेकर आने वाले ट्रैक्टर ट्रॉलियों, डंपरों और ट्रकों की संख्या इतनी अधिक है कि गमाखर के पास स्थित सायलो केन्द्र से करीब 10 किमी पीछे गुलाबगंज मार्ग पर ग्राम सेमरी भसूडा तक वाहनों की. लाइन लग रही है।
अत्याधिक मात्रा में आ रही उपज के चलते सायलो केन्द्र एक बार फिर अपनी क्षमता के बराबर भरने जा रहा है। जिससे आगामी दिनों में सायलो पर उपज तौल कराने को लेकर किसान चिंतित हो उठे हैं। वहीं सहकारी समितियों के कर्मचारियों का भी कहना है कि यदि उपार्जन अवधि के बीच में सायलो केन्द्र पर खरीदी बंद हो गई. तो उन्हें फिर से अपने केंद्रों पर पहुंचकर उपज तौल की सभी व्यवस्थाएं जुटानी पडेंगी और ऐसे में किसानों की उपज खरीदी भी प्रभावित होगी।

इस संबंध में सायलो केन्द्र प्रबंधक प्रदीप चौबे ने बताया कि सायलो केन्द्र की क्षमता करीब 40 हजार मीट्रिक टन है। किसानों द्वारा लाई जा रही उपज के चलते अब सायलो में करीब 5 हजार मीट्रिक टन गेहूं रखने की व्यवस्था ही शेष रह गई है। जिससे आगामी दो से तीन दिन में सायलो की क्षमता पूरी हो जाएगी। ऐसे में उपार्जन अवधि पूरी होने तक सायलो की क्षमता बढ़ाने के लिए केन्द्र के पास ही स्थित भूमि अधिग्रहीत करने या फिर पूर्व से खरीदकर रखे हुए गेहूं को अन्यत्र सुरक्षित भंडारित करने के लिए प्रशासन से बात की जा रही है। संभवतः शीघ्र ही इस समस्या का निराकरण हो जाएगा और उपज खरीदी चलती रहेगी। केन्द्र प्रबंधक प्रदीप चौबे का कहना था कि गत 5 वर्ष की तरह इस बार उपार्जन अवधि समाप्त होने के पहले सायलो केन्द्र बंद नहीं किया जाएगा। केन्द्र पर पंजीकृत सभी क किसानों की उपज सायलो पर ही खरीदी जाएगी और इसके लिए हर से संभव व्यवस्था की जा रही है।

गंजबासौदा से ओमप्रकाश चौरसिया की रिपोर्ट

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