वैज्ञानिकों का दावा:संक्रमण तेजी से फैलने के सुबूत नहीं

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नई दिल्ली |

विज्ञानियों ने दावा किया है कि देश में कोरोना वायरस के एक नए वैरिएंट (स्वरूप) का पता लगा है जो तेजी से फैल सकता है और मानव शरीर की प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी को चकमा देने में सक्षम है। हालांकि इस बात का कोई सुबूत नहीं है कि नए वैरिएंट के कारण देश में या बंगाल में वायरस संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है।नए वैरिएंट का पता सबसे पहले बंगाल में ही लगा था। नए स्वरूप को बी.1.618 नाम दिया गया है जो बी.1.617 से अलग है और इसे डबल म्यूटेंट वायरस के रूप में भी जाना जाता है।

माना जा रहा है कि देश में दूसरी लहर में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि के पीछे यही वैरिएंट है। नई दिल्ली स्थित सीएसआइआर-इंस्टीट्यूट आफ जीनोमिक एंड इंटीग्रेटिव बायोलाजी (सीएसआइआर-आइजीआइबी) के निदेशक अनुराग अग्रवाल ने कहा, ‘चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। मानक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की जरूरत है।’

उन्होंने कहा कि बी.1.618 के संबंध में जांच की जा रही है। बी.1.618, भारत में मुख्य रूप से पाए जाने वाले सार्स-सीओवी-2 का एक नया वैरिएंट है। गुरुवार को संक्रमण के रिकार्ड नए मामले सामने आने के बाद पैदा हुई चिंताओं को दूर करने का प्रयास करते हुए विज्ञानियों ने ने अधिक शोध और कोविड संबंधी प्रोटोकाल के पालन पर जोर दिया।

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