प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील खारिज,UK कोर्ट से माल्या को झटका

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  • माल्या की खुद को बचाने की एक और कोशिश नाकाम
  • लंदन कोर्ट ने प्रत्यर्पण के खिलाफ खारिज की याचिका
  • ब्रिटिश होम सेक्रटरी पहले ही प्रत्यर्पण का दे चुके हैं आदेश
  • हाल में माल्या ने खर्चे कम कर बैंकों से सुलह की पेशकश की

विजय माल्या को यूके कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। उन्हें प्रत्यर्पित करने की दिशा में भारत सरकार एक कदम और आगे बढ़ गई है। ऐसे में उन्हें जल्द भारत लाए जाने की संभावना बढ़ गई है।
लंदन
भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को जल्द भारत लाने की उम्मीद बढ़ गई है। लंदन कोर्ट ने प्रत्यर्पण के खिलाफ माल्या की अपील खारिज कर दी है। दरअसल, प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका दाखिल कर माल्या ने खुद को बचाने की एक और कोशिश की थी पर कोर्ट से उन्हें तगड़ा झटका लगा है। इससे पहले ब्रिटेन के होम सेक्रटरी साजिद जाविद ने माल्या के प्रत्यर्पण आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए थे। UK सरकार के इसी फैसले के खिलाफ माल्या ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
फिर से अपील के लिए 5 दिन का समय
UK जुडिशरी के एक प्रवक्ता ने बताया कि कोर्ट ने विजय माल्या को प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने की अनुमति नहीं दी। उन्होंने बताया, ‘जस्टिस विलियम डेविस ने 05 अप्रैल को प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने की अनुमति देने के उनके ऐप्लिकेशन को अस्वीकार कर दिया।’ प्रवक्ता ने आगे कहा कि याचिकाकर्ता (माल्या) के पास मौखिक विचार के लिए अप्लाइ करने को 5 दिन हैं। अगर फिर से कोई आवेदन किया जाता है तो यह मामला हाई कोर्ट के जज के सामने जाएगा।

ब्रिटिश कानून के मुताबिक पुनर्विचार प्रक्रिया में संक्षिप्त मौखिक सुनवाई होगी जिसमें माल्या और भारत सरकार की तरफ से मौजूद टीमों की तरफ से दलीलें रखी जाएंगी। इसके बाद जज यह फैसला लेंगे कि इस पर पूर्ण सुनवाई की जरूरत है या नहीं। गौरतलब है कि माल्या मार्च 2016 से UK में हैं और अप्रैल 2017 में प्रत्यर्पण वॉरंट जारी होने के बाद से बेल पर हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) और CBI दोनों भारतीय एजेंसियां माल्या के खिलाफ 9,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के बैंक धोखाधड़ी के मामलों की जांच कर रही हैं।
काम नहीं आया बैंकों को संतुष्ट करने का दांव
हाल में संकट में फंसे शराब कारोबारी ने कई भारतीय बैंकों को संतुष्ट करने के लिए अपनी शानो-शौकत की जिंदगी छोड़ने की पेशकश की थी। UK कोर्ट को भी यह जानकारी दी गई थी। दरअसल, भारतीय बैंकों को माल्या से करीब 1.145 अरब पाउंड वसूलने हैं और बैंक इसमें से कुछ राशि निकालने का प्रयास कर रहे हैं।

भगोड़े माल्या को अभी करीब 18,325.31 पाउंड की अधिकतम राशि एक सप्ताह में खर्च करने अनुमति है। हाल में ब्रिटेन के हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान माल्या ने इस राशि को घटाकर 29,500 पाउंड मासिक करने की पेशकश की थी। हालांकि, भारतीय स्टेट बैंक की अगुआई वाले 13 बैंकों के समूह ने इस पेशकश पर सहमति नहीं दी।

दरअसल, बैंक लंदन में माल्या के आईसीआईसीआई बैंक में जमा 2,60,000 पाउंड की राशि चाहते हैं। बैंकों के साथ कानूनी लड़ाई में माल्या का प्रतिनिधित्व कर रहे डीडब्ल्यूएफ लॉ एलएलपी ने कहा कि किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख अदालत के द्वारा तय की गई खर्च की किसी भी सीमा को मानने को तैयार हैं।

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