सीहोर(खेरी )-जिले की तहसील इच्छाबर के अन्तर्गत आने वाले गांव खेरी के ग्रामीणों को इस समय कीचड़ और गंदगी से खासे परेशान होना पड़ रहा है। दरअसल गांव के मुख्य मार्ग होने के कारण साथ ही घरों के अंदर से निकलने वाले पानी की निकासी नहीं होने के कारण वह दलदल में तब्दील हो गए हैं। ऐसे में ग्रामीणों को सड़कों पर से निकलना भी दूभर हो रहा है, लेकिन जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
गौरतलब है कि गांवों के अंदरूनी मार्गों को पक्का बनाने के लिए शासन द्वारा पंच परमेश्वर योजना आरंभ की गई है। ताकि ग्रामीणों को कीचड़ से निजात मिल सके, लेकिन यह योजना खेरी के ग्रामीणों के लिए कारगर साबित नहीं हो पा रही है। ग्राम पंचायत और प्रशासन की उपेक्षा के कारण गांव के मुख्य मार्ग अभी बेहाल हैं। इसके चलते यह सड़क कीचड़ और गंदगी में तब्दील हो जाती है। घरों से निकलने वाला गंदा पानी इन मार्गो पर जमा होकर गंदगी और कीचड़ में परिवर्तित हो रहा है। ऐसे में ग्रामीणों को आवागमन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं इससे उठती दुर्गंध रहवासियों का जीना मुहाल कर रही है। साथ ही मच्छरों की भी बेतहासा वृद्घि होने से ग्रामीण मलेरिया सहित अन्य बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। खासबात यह है कि इन मार्गो पर सीमेंट कांक्रीट करने अथवा मुरम डलवाने के लिए ग्रामीण ग्राम पंचायत और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन समस्या अभी तक यथावत बनी हुई है। इस संबंध में ग्रामीणों ने बताया कि गांव का मुख्य मार्ग कधाा होने के कारण वह इस समय दलदल में तब्दील हो चुका है। इससे ग्रामीणों को आवागमन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गांव खेरी के रामपाल वर्मा का कहना है कि इस समस्या की ओर कई बार ग्राम पंचायत से गुहार लगाई जा चुकी है , लेकिन वह इस ओर ध्यान नहीं दे रही हैं, जिसका खमियाजा ग्रामीणो को भुगतना पड़ रहा है।
स्वच्छता अभियान का नहीं दिख रहा असर
सरकार दारा स्वच्छता अभियान हो या निर्मल भारत अभियान के नाम पर लाखों करोड़ों रुपए खर्च किए गए, लेकिन इसका पता ही नहीं चला। खास बात यह है कि सरकार का स्वच्छ भारत अभियान का असर गांव खेरी में देखने को नहीं मिल रहा है। जगह-जगह कचरे और गंदगी के ढेर लगे हुई है, लेकिन ग्राम पंचायत इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रही है। जैसे जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है। जैसे लोगों का जीना दूभर हो रहा है। इसके बाद भी पंचायत इस ओर ध्यान नहीं दे रही है।