टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का कहना है कि उनका राजनीति में जाने का कोई इरादा नहीं है। मुबंई में आयोजित होटल इन्वेस्टमेंट कॉन्फ्रेंस में बुधवार को रतन टाटा से इस बारे में सवाल किया गया था। दूसरे सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि एक बिजनेस लीडर को समझने में लंबा वक्त लगता है। हालांकि, उसके प्रति आदर का भाव तुरंत आ सकता है।
किसी बिजनेस को छोड़ना मुश्किल होता है: रतन टाटा
रतन टाटा ने कहा है जब मैं टाटा ग्रुप का चेयरमैन था तो ऑटोमोबाइल बिजनेस को वक्त दिया क्योंकि उस वक्त हम ट्रांसपोर्ट में इस्तेमाल के लिए देसी प्रोडक्ट बनाने जैसा रोमांचकारी काम कर रहे थे।
टाटा का कहना है कि वो अपनी जिंदगी के पायलट रहे हैं और एविएशन सेक्टर के हित में बड़ी डील की इच्छा रखते हैं। टाटा मानते हैं कि ग्रुप पर मुश्किल में फंसे कारोबारों को लंबे समय तक खींचने के आरोप लग सकते हैं। लेकिन, किसी बिजनेस को छोड़ना बहुत मुश्किल होता है।
टॉप पर पहुंचने वाले कारोबारों की तारीफ करते हुए रतन टाटा ने कहा कि पहले स्पीकर कंपनी बोस उनकी पसंद थी लेकिन अब वो टेक कंपनी एपल और गूगल से प्रभावित हैं।
- टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन ने होटल इन्वेस्टमेंट कॉन्फ्रेंस में सवालों के जवाब दिए
- कहा- ऑटोमोबाइल बिजनेस को काफी वक्त दिया, एविएशन में भी दिलचस्पी