भोपाल ।
मध्य प्रदेश में बने दो वेदर सिस्टम से वातावरण में बड़े पैमाने पर आ रही नमी के कारण अधिकांश क्षेत्रों में बादल छाने लगे हैं। साथ ही गरज-चमक के साथ कहीं-कहीं बौछारें भी पड़ने लगी हैं। इसी क्रम में शनिवार को मंडला में 3.0, भोपाल में 2.7, सागर में 1.0, मलाजखंड में 0.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक रविवार को भोपाल, जबलपुर, होशंगाबाद, इंदौर, उज्जैन, सागर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं बारिश होने की संभावना है।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक तेज रफ्तार से हवा चलने और बादल बने रहने से अधिकतम तापमान में कमी दर्ज की जाने लगी है। इसी क्रम में शनिवार को राजधानी में अधिकतम तापमान 37.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। यह सामान्य रहा। साथ ही शुक्रवार के अधिकतम तापमान (38.7 डिग्री सेल्सियस) की तुलना में 0.9 डिग्री कम रहा। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी एचएस पांडे ने बताया कि वर्तमान में दक्षिण-पश्चिम मध्यप्रदेश पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। साथ ही इसी सिस्टम से लेकर महाराष्ट्र होकर एक द्रोणिका लाइन (ट्रफ) बनी हुई है। इन दो सिस्टम के कारण अरब सागर से नमी आने का सिलसिला शुरू हो गया है। इससे प्रदेश के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र के जिलों में भी बारिश होने लगी है। इसके पहले तीन दिन से प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र के जिलों में गरज-चमक के साथ बरसात हो रही थी।
मौसम विज्ञानी पांडे ने बताया कि दरअसल प्रदेश में अधिकतम तापमान बढ़े हुए हैं। वातावरण में नमी मौजूद रहने के कारण दोपहर बाद गरज-चमक की स्थिति बनने लगती है। इस तरह की स्थिति तीन दिन तक बनी रह सकती है। मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि एक पश्चिमी विक्षोभ अभी अफगानिस्तान और उसके आसपास बना हुआ है। एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ के 12-13 अप्रैल को उत्तर भारत पहुंचने की संभावना है। इस वजह से मौसम का मिजाज अभी इस तरह बना रहने की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत से आगे बढ़ने के बाद ही मौसम साफ होने के आसार हैं।