31 मार्च तक नहीं पूरे किए टैक्स के ये 9 काम, तो देना होगा जुर्माना

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चालू वित्त वर्ष खत्म होने और नया वित्त वर्ष के आगमन होने को है। 31 मार्च को वित्त वर्ष 2018-19 का आखिरी दिन होगा और 1 अप्रैल 2019 से वित्त वर्ष 2019-20 का आगाज हो जाएगा। वित्त वर्ष खत्म होते-होते टैक्स बचाने के लिए कई कदम उठाते हैं। वहीं, इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक, हर वर्ष के 31 मार्च तक टैक्स से जुड़े कुछ दूसरे जरूरी काम भी निपटाने पड़ते हैं। आइए जानते हैं, टैक्स से जुड़े 9 जरूरी दायित्वों के बारे में जिन्हें 31 मार्च तक पूरा कर लेना चाहिए

  1. 50,000 रुपये प्रति माह से ज्यादा के रेंट पेमेंट्स पर TDS
    अगर आप हर महीने 50 हजार रुपये से ज्यादा किराया चुका रहे हैं तो इनकम टैक्स कानून के मुताबिक आपको किराए का 5% टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स यानी टीडीएस काटना चाहिए। टैक्समैन.कॉम के सीए नवीन वाधवा कहते हैं, ‘टैक्स कानून के मुताबिक, भुगतान किए जाने वाले कुल किराये पर टैक्स काटना किरायेदार का दायित्व है। टीडीएस एक वित्त वर्ष में सिर्फ एक बार काटा जाना चाहिए। किरायेदार या तो वित्त वर्ष के आखिरी महीने यानी मार्च में या फिर जिस जो किराये के आखिरी महीने में जो पहले हो, टीडीएस काटा जाना चाहिए। जिस तारीख को टीडीएस काटा गया हो, उसके 30 दिनों के अंदर यह रकम सरकार के पास जमा भी करवाना अनिवार्य है। इसलिए, अगर आपने 31 मार्च, 2019 को टीडीएस काटा तो इसे 30 अप्रैल, 2019 तक सरकार के पास जमा करा दें।’ ध्यान रहे कि अगर आपने समयसीमा के अंदर टीडीएस जमा नहीं करवाया तो आपको ब्याज और जुर्माना भी देना होगा।
  2. वित्तीय वर्ष में जॉब बदली तो…
    अगर आपने 1 अप्रैल, 2018 के बाद नौकरी बदली हो तो पहले की नौकरी में कटे टीडीएस की जानकारी फॉर्म 12B के जरिए नई कंपनी को दें। 31 मार्च तक फॉर्म 12B नहीं जमा किया तो कंपनी ज्यादा टीडीएस काट सकती है, जिसका नुकसान आपको ही होगा।
  3. बकाया अडवांस टैक्स चुकाएं
    अगर इस वित्तीय वर्ष में आप पर 10,000 रुपये से ज्यादा टैक्स बनता है तो आपको अडवांस टैक्स देना अनिवार्य है। इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक, पूरे वित्त वर्ष में हर तिमाही यानी चार बार में अडवांस टैक्स (अग्रिम कर) का भुगतान करना होता है। इसकी आखिरी किस्त चुकाने की तारीख 15 मार्च थी। हालांकि, अगर आपने अब तक अडवांस टैक्स नहीं भरा है तो मोटा ब्याज से बचने के लिए जल्द-से-जल्द पेमेंट कर दें।
  4. टैक्स बचाने के लिए निवेश करें
    इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 80C के तहत 1.50 लाख रुपये तक के निवेश पर अधिकतम 46,800 रुपये तक टैक्स बचा सकते हैं। कितना टैक्स बचेगा, यह आपकी आमदनी पर निर्भर करता है। उसी तरह, सेक्शन 80D समेत कुछ अन्य सेक्शन के तहत निवेश पर भी टैक्स छूट प्राप्त किए जा सकती है।
  5. इन खातों में डाल दें न्यूनतम जरूरी रकम
    अगर आपका पब्लिक प्रविडेंट फंड (पीपीएफ) या नैशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) अकाउंट है, लेकिन इस वित्त वर्ष में इनमें पैसे नहीं डाल पाए, तो अकाउंट ऐक्टिव रखने के लिए इनमें कुछ रकम तो जरूर डाल दें। एनपीएस, पीपीएफ या सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) में पैसे नहीं डाले जाने पर ये अकाउंट्स इनऐक्टिव हो जाएंगे। अगर न्यूनतम जरूरी रकम नहीं डाली, तो इन्हें दोबारा ऐक्टिव करवाने के लिए आपको जुर्माना देना पड़ेगा।
  6. पैन-आधार को लिंक करने की आखिरी तारीख
    इनकम टैक्स डिपार्टमेंट विज्ञापनों के जरिए बता रहा है कि पैन कौ आधार से जोड़ने की आखिरी तारीख 31 मार्च, 2019 है। पैन-आधार को लिंक करने का 4 तरीका है। अगर आपने लिंक करने की प्रक्रिया पूरी कर ली हो तो एक बार इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर जाकर चेक कर लें कि पैन-आधार लिंक हो गया या नहीं।
  7. तीन वर्ष के FMP को लॉक करें
    म्यूचुअल फंड्स के फिक्स्ड मच्योरिटी प्लांस (FMPs) क्लोज एंडेड डेट स्कीम्स होते हैं जिनकी मच्योरिटी की तारीख तय होती है। जैसा कि डेट फंड्स के मामले में होता है, तीन वर्ष से ज्यादा की मच्योरिटी वाले FMPs में निवेश पर मिले लाभ को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस माना जाता है और इस पर इंडेक्सेशन के साथ 20% टैक्स देना होता है। अगर होल्डिंग पीरियड तीन वित्तीय वर्ष से ज्यादा हो तो इंडेक्सेशन बेनिफिट बढ़ जाता है। अभी उपलब्ध कुछ FMPs 2022-23 में मच्योर होंगे, इसलिए आप महज 37-38 महीने के होल्डिंग पीरियड पर ही चार वर्षों का इंडेक्सेशन बेनिफिट ले सकेंगे।
  8. स्टॉक्स और इक्विटी फंड्स से प्रॉफिट बुक करें
    स्टॉक्स और इक्विटी ऑरियेंटेड फंड्स पर 1 लाख रुपये से ज्यादा के लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेंस पर अब टैक्स लगता है। अगर आपको लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस हुआ है तो आपके लिए 1 लाख रुपये तक लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर टैक्स छूट का फायदा उठाने का यही मौका है। 31 मार्च से पहले इस हिसाब से प्रॉफिट बुक करें कि टैक्स छूट का लाभ मिल जाए। इसके लिए, आपको इस सप्ताह उतने स्टॉक्स और इक्विटि फंड्स बेच देने चाहिए, जितने पर 1 लाख रुपये तक का लाभ मिल जाए। फिर इसी पैसे को अगले वित्त वर्ष में दोबारा इन्वेस्ट कर दें। हालांकि, बेचने और खरीदने की प्रक्रिया में आपको ब्रोकरेज हाउस के 1 प्रतिशत रकम देनी होगी। म्यूचुअल फंड इन्वेस्टर्स को यह रकम नहीं देनी होगी क्योंकि एंट्री लोड्स नहीं वसूले जाते और फंड्स को एक साल बाद बेचे जाने पर एंट्री लोड लागू ही नहीं होते।
  9. अब तक नहीं भरा ITR तो भर लें
    वित्त वर्ष 2017-18 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने मियाद इस हफ्ते पूरी हो जाएगी। अगर आपने अपना आईटीआर अब तक नहीं भरा है तो जल्दी करें। पिछले वर्ष के बजट में स्पष्ट ऐलान किया गया था कि मियाद खत्म होने पर आपको जुर्माना देना पड़ेगा। इनकम टैक्स ऐक्ट के नए सेक्शन 234F के तहत डेडलाइन के बाद आईटीआर फाइल करने पर 5,000 रुपये फाइन देना होगा। वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 31 अगस्त, 2018 तक की ही मियाद थी। नियम के मुताबिक, 31 दिसंबर, 2018 के बाद आईटीआर फाइल करने पर जुर्माने की रकम बढ़कर 10 हजार रुपये हो जाएगी। ईवाई में टैक्स पार्टनर और इंडिया मोबिलिटी लीडर अमरपाल चंद्रा ने कहा, ‘हालांकि, अगर टैक्सपेयर की कुल आय 5 लाख रुपये से कम है तो जुर्माना 1 हजार रुपये से ज्यादा नहीं होगा
  10. वित्त वर्ष खत्म होते-होते टैक्स बचाने के लिए कई कदम उठाते हैं। वहीं, इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक, हर वर्ष के 31 मार्च तक टैक्स से जुड़े कुछ दूसरे जरूरी काम भी निपटाने पड़ते हैं
  11. 50,000 रु. से ज्यादा किराया दे रहे हैं तो 5% टैक्स काटना किरायेदार का दायित्व है
  12. पहले की नौकरी में कटे टीडीएस की जानकारी फॉर्म 12B के जरिए नई कंपनी को दें
  13. सेक्शन 80C, 80D समेत टैक्स छूट के तमाम सेक्शनों के तहत निवेश करें
  14. म्यूचुअल फंड्स के FMPs क्लोज एंडेड डेट स्कीम्स होते हैं जिनकी मच्योरिटी की तारीख तय होती है

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