होली पर्व पर बुधवार को महाकालेश्वर मंदिर में सबसे पहले सांध्य आरती के बाद होली जलेगी। इसके बाद शहर में देर रात और तड़के होलिका का दहन किया जाएगा। गुरुवार को धुलेंडी मनेगी। इसी दिन तड़के भस्मआरती में भगवान महाकाल को होली खिलाई जाएगी।
होली पर बुधवार शाम को महाकाल मंदिर में सांध्य आरती में भगवान को गुलाल चढ़ाया जाएगा। सांध्य आरती के बाद मंदिर परिसर में होलिका का पूजन होगा। 200 कंडों से बनी होलिका का हर्बल पूजन सामग्री से पुजारी परिवार पूजन करेंगे व गुलाल अर्पित कर होलिका दहन किया जाएगा। होलिका दहन के बाद अगले दिन गुरूवार को भस्मआरती में भगवान को गुलाल चढ़ेगा। मंदिर समिति के प्रशासक अवधेश शर्मा के अनुसार मंदिर में हर्बल गुलाल का प्रयोग होगा।
महाकाल की आरतियों का समय कल से बदलेगा- धुलेंडी गुरुवार चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से भगवान महाकाल की आरतियों का समय बदलेगा। चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से अश्विन पूर्णिमा तक भस्म आरती तड़के 4 से 6 बजे तक, दद्योदक आरती 7 बजे से 7.45 बजे तक, भोग आरती 10 बजे से 10.45 बजे तक, सांध्य पूजन शाम 5 से शाम 5.45 बजे तक, संध्या आरती शाम 7 बजे से 7.45 बजे तक और शयन आरती रात 10.30 से 11 बजे तक होगी।