भय्यू महाराज आत्महत्या केस में सोमवार को अाजाद नगर सीएसपी सुरेंद्र सिंह तोमर ने 366 पेज का चालान कोर्ट में पेश किया। इसमें भय्यू महाराज की आत्महत्या के पीछे सेवादार विनायक दुधाले, पलक पुराणिक और शरद देशमुख की ब्लैकमेलिंग का जिक्र है। इनके खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने, जबर्दस्ती वसूली करने व संपत्ति हथियाने के लिए षड्यंत्र करने का अाराेप है।
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने मामले में करीब 125 लोगों से पूछताछ की, 28 लोगों के बयान दर्ज किए, 12 साक्षियों के दाे से अधिक बार बयान के परीक्षण कराए। साथ ही पलक, विनायक और शरद के बीच हुई मोबाइल चैटिंग व महाराज और पलक के बीच की चैट निकालने के बाद पाया कि इन्हीं ने महाराज की संपत्ति हथियाने के लिए दो साल से महाराज के इर्द-गिर्द रहते हुए एक बड़ा षड्यंत्र रचा था। पलक, विनायक व शरद महाराज को डिप्रेशन की बीमारी होने पर डाॅक्टरों की दवाओं के बदले हाईडोज दवाएं देते थे। फिर उनसे अश्लील चैटिंग कर तीनों ने षड्यंत्रपूर्वक महाराज को अपने जाल में फंसा लिया था। इसी के तनाव में वह और डिप्रेशन में चले गए।
दवा के नशे में लिखवाया था सुसाइड नाेट : पुलिस ने चालान रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया है कि जो सुसाइड नोट महाराज ने सेवादार विनायक के नाम लिखा था। वह भी डिप्रेशन की दवा के नशे में सेवादारों ने षड्यंत्र के तहत आत्महत्या के पहले लिखवाया था। पलक दो साल से ज्यादा वक्त से उनके संपर्क में थी। वह महाराज से शादी करना चाहती थी, लेकिन महाराज की डॉ. आयुषी से शादी हो गई। शादी वाले दिन भी पलक ने हंगामा किया था और 16 जून तक उन्हें शादी करने का वक्त दिया था। इसके वीडियो में भी विनायक, शरद उसके साथ नजर आ रहे हैं। महाराज के परिवार के लोगों ने उसे समझाया, लेकिन वे अड़े हुए थे।
विनायक-पलक वसूलते थे डेढ़ लाख रु. महीना : यही नहीं, दूसरी शादी के बाद भी इनकी प्रताड़ना जारी रही। विनायक और पलक शादी के बाद महाराज से डेढ़ लाख रुपए महीना वसूलते थे। तीनों महाराज से एक करोड़ से ज्यादा की राशि हड़प चुके थे। तीनों ने पूरे आश्रम की संपत्ति को हथियाने के लिए महाराज की तिजाेरी व दान में आने वाली सामग्री का लेखा-जोखा भी कब्जे में कर रखा था। बता दें कि भय्यू महाराज ने 12 जून 2018 को सिल्वर स्प्रिंग स्थित घर में बेटी कुहू के कमरे में जाकर अपनी लाइसेंसी रिवाॅल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी।