उज्जैन. सावन के पांचवें और अंतिम सोमवार पर मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) में सोमवार सुबह बाबा महाकाल की भस्म आरती (Bhasma Aarti) की गई. इस दौरान पंडित और पुजारियों ने वैदिक मंत्रोच्चारण किया. वहीं, इस मौके पर बाब भोलेनाथ की मनमोहक झांकी सजाई गई, जिसकी सुन्दरता देखते ही बन रही थी. भस्म आरती के पहले बाबा को जल से नहलाकर महापंचामृत अभिषेक किया गया. अभिषेक के बाद भांग से भोलेनाथ का आकर्षक श्रंगार किया गया. साथ ही 11 हजार लड्डुओं का भोग भी लगाया गया.खास बात यह है कि 3 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व होने के चलते भस्म आरती में बाबा महाकाल को राखी बांधी गई. मान्यता है कि हिंदू रीति रिवाज से बनाए जाने वाले त्योहार सबसे पहले बाबा महाकाल के आंगन में ही सेलिब्रेट किए जाते हैं. ऐसे में रक्षाबंधन होने के चलते पुजारी परिवार की महिलाओं ने भगवान महाकाल को भस्म आरती में राखी बांधी. मान्यता है कि श्रावण माह में शिव आराधना करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है.भस्म आरती में 2,000 से अधिक भक्त शामिल होते हैंवैसे तो प्रति वर्ष सावन माह की भस्म आरती में 2,000 से अधिक भक्त शामिल होते हैं, परंतु इस बार कोरोना महामारी के चलते श्रद्धालुओं के शामिल होने पर पूरी तरह प्रतिबंध है. आम श्रद्धालु केवल बाबा महाकाल के दूर से ही दर्शन ही कर सकेंगे. दर्शन के लिए सुबह 5:30 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक का समय तय किया गया है. इस दौरान केवल वही भक्त दर्शन कर सकेंगे जिन्होंने पूर्व में दर्शन के लिए बुकिंग करा रखी है और जो केवल मध्य प्रदेश के ही रहने वाले हैं. महाकाल मंदिर समिति ने सावन माह में प्रतिदिन 10000 भक्तों को दर्शन कराने का प्रबंध किया है.
सावन का महीना शिव भक्तों के लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होता है
बता दें कि सावन का महीना शिव भक्तों के लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होता है. इस महीने में महादेव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. देश भर के शिवालयों और भगवान शंकर के मंदिरों में बड़ी तादाद में श्रद्धालु आते हैं. हालांकि, इस बार कोरोना संक्रमण के कारण लोगों को विशेष सतर्कता बरतनी पड़ रही है. सोशल डिस्टेंसिंग के कारण ज्यादा लोग एक जगह इकट्ठा नहीं हो सकते हैं. सिर्फ पुजारी ही मंदिर में पूजा अर्चना कर पा रहे हैं. आम भक्त भी दर्शन कर सकें, इसे देखते हुए इसे लाइव भी किया जा रहा है.