भोपाल । सालों के विवाद के बाद अयोध्या में बन जा रहे भगवान राम के मंदिर के लिए लव-कुश की जन्म स्थली की मिटटी यहां से अयोध्या के लिए भेजी गई। मप्र के अशोकनगर जिले की मुंगावली तहसील स्थित महर्षि वाल्मीकि आश्रम, करीला धाम को भगवान राम एवं सीता जी के पुत्र लव-कुश की जन्मस्थली माना जाता है। यहां की मिट्टी का अयोध्या राम मंदिर का निर्माण में उपयोग होगा। इस मिट्टी को लेने के लिए गुना के भाजपा नेता करीलाधाम पहुंचे। माता जानकी और लव-कुश की पूजा अर्चना करने के बाद 358 ग्राम मिट्टी डाक से गुरुवार को अयोध्या में महंत नृत्यगोपाल दास को भेजी गई है। भाजपा नेताओं ने कहा कि यह हमारे लिए गौरव की बात है कि भगवान राम और माता जानकी के पुत्रों का जन्म करीला धाम में हुआ था। रामायण के मुताबिक भगवान श्रीराम और माता जानकी के पुत्रों का जन्म महर्षि वाल्मीकि के आश्रम करीलाधाम में हुआ था। कहा जाता है कि भगवान राम के आदेश पर शेषनाग के अवतार अनुज लक्ष्मण माता सीता को इस आश्रम में छोड़ गए थे। आश्रम में रंगपंचमी के दिन लव-कुश का जन्मदिवस धूमधाम से मनाया जाता है। इस अवसर पर बधाई गीत गाए जाते हैं और बुंदेलखंड का पारंपरिक राई नृत्य कराया जाता है। नि:संतान दंपती पूजा-अर्चना कर मन्नत मांगते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि मन्नत पूरी होने के बाद श्रद्धालु बेड़नियों का नृत्य कराते हैं। करीलाधाम में देश का एकमात्र मंदिर है, जहां भगवान राम के बिना माता सीता की पूजा होती है। इस मंदिर पर होली के बाद आने वाली रंगपंचमी के तीन दिवसीय मेले में 20 लाख से अधिक श्रद्धालु मन्नत मांगने आते हैं।
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हर माह की एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित होती है. मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी 11 दिसंबर 2024 को है. मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी पर जो…