भारतीय सरजमीं पर 5 राफेल लड़ाकू विमान की लैंडिंग आज, अंबाला एयरबेस पर धारा 144, सुरक्षा चाक-चौबंद

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नई दिल्ली |  भारतीय सरजमीं पर फ्रांस से आ रहे पांच लड़ाकू विमान राफेल की आज लैंडिंग होगी। पहले बैच के तौर पर आ रहे पांच राफेल विमान आज अंबाला पहुंचेंगे और फिर भारतीय वायुसेना की टुकड़ी में शामिल हो जाएंगे। वायुसेना प्रमुख आर.के.एस. भदौरिया अंबाला एयरबेस पर आज यानी बुधवार (29 जुलाई) को दोपहर पांच राफेल विमानों को रिसीव करेंगे। बता दें कि इस बाबत अंबाला में धारा 144 लागू है।
सूत्रों ने कहा कि भारतीय राफेल करीब 11 बजे संयुक्त अरब अमीरात के अल दफरा से टेक ऑफ करेंगे और दोपहर दो बजे चक अंबाला पहुंच जाएंगे। इतना ही नहीं, इन राफेल विमानों की लैंडिंग के लिए एक बैक बेस भी तैयार है। अगर अंबाला और उसके आसपास में मौसम अनुकूल नहीं रहता है तो फिर इन राफेल जेट्स की लैंडिंग जोधपुर एयरबेस पर होगी। बता दें कि अंबाला और जोधपुर दोनों ही एयरबेस रणनीतिक और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हैं।
फिलहाल, अंबाला में राफेल फाइटर जेट्स की लैंडिंग को ध्यान में रखते हुए अंबाला एयरबेस के पास के चार गांवों में धारा 144 लागू कर दी गई है। इतना ही नहीं, इन इलाकों में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी निषेध है। 
अंबाला के डीएसपी ट्रैफिक मुनीष सहगल ने कहा कि प्रशासन हाई अलर्ट पर है और लैंडिंग के दौरान छतों पर लोगों का जमावड़ा और फोटोग्राफी पूरी तरह से प्रतिबंधित है। प्रशासन ने धूलकोट, बलदेव नगर, गरनाला और पंजोखरा जैसे स्थानों से वायु सेना स्टेशन की तस्वीरों को लेने के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।
दरअसल, भारत ने 23 सितंबर 2016 को फ्रांसीसी एरोस्पेस कंपनी दसॉल्ट एविएशन से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 59,000 करोड़ रुपए का सौदा किया था। छह राफेल प्रशिक्षु विमानों की पूंछ पर आरबी श्रृंखला की संख्या अंकित होगी। आरबी एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया के नाम के पहले और अंतिम शब्द का संक्षिप्त रूप होगा। उन्होंने इस सौदे में मुख्य वार्ताकार के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
बता दें कि पांच विमानों की पहली खेप सोमवार (27 जुलाई) को फ्रांसीसी बंदरगाह शहर बोरदु में मेरिग्नैक एयरबेस से रवाना हुई। ये विमान लगभग 7,000 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद आज दोपहर में अंबाला पहुंचेंगे। इन विमानों को बुधवार दोपहर में भारतीय वायुसेना में स्क्वाड्रन नम्बर 17 में शामिल किया जाएगा, जिसे ‘गोल्डन एरोज’ के नाम से भी जाना जाता है।
हालांकि, इन विमानों को औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल करने के लिए मध्य अगस्त के आसपास समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और देश के शीर्ष सैन्य अधिकारियों के शामिल होने की उम्मीद है। 
पहला राफेल जेट पिछले साल अक्टूबर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की फ्रांस यात्रा के दौरान भारतीय वायुसेना को सौंपा गया था। राफेल जेट का पहला स्क्वाड्रन अंबाला एयरबेस पर, जबकि दूसरा पश्चिम बंगाल के हासिमारा बेस पर रहेगा। अंबाला एयरबेस को भारतीय वायुसेना का महत्वपूर्ण बेस माना जाता है क्योंकि यहां से भारत-पाकिस्तान सीमा महज 220 किलोमीटर की दूरी पर है। भारत ने जो 36 राफेल विमान खरीदे हैं उनमें से 30 लड़ाकू विमान जबकि छह प्रशिक्षु विमान हैं।

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