जेट एयरवेज ने अबू धाबी से सारी उड़ानें सोमवार से अनिश्चित समय के लिए बंद कर दी हैं। एयरलाइन ने इसकी वजह ऑपरेशनल बताई है। एयरलाइन का कहना है कि उसे आने वाले समय में एयरक्राफ्ट्स की कमी का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए अबू धाबी से ऑपरेशन बंद करने का फैसला लिया गया। एतिहाद एयरपोर्ट ने भी इस संबंध में रविवार को यात्रियों के लिए नोटिफिकेशन जारी किया।
सैलरी में देरी से जेट के पायलट परेशान, सरकार को लिखा था पत्र
- जेट के इस फैसले से अबू धाबी से उड़ान भरने वाले यात्रियों को दिक्कतें होने के आसार हैं। जेट एयरवेज का कहना है कि उसने यात्रियों और डीजीसीए को जानकारी दे दी है।
- आर्थिक संकट और लीज नहीं चुका पाने की वजह से जेट एयरवेज अब तक अपने 53 विमान ग्राउंडेड कर चुकी है। एयरलाइन पिछले कई महीनों से पायलट, इंजीनियर और अन्य कर्मचारियों की सैलरी भी समय पर नहीं दे पा रही। इससे परेशान पायलट्स ने सरकार से दखल की मांग की है।
- जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल ने 8 मार्च को पार्टनर एयरलाइन एतिहाद एयरवेज के ग्रुप सीईओ टोनी डगलस को पत्र लिखा था। गोयल ने एतिहाद से 750 करोड़ रुपए की मदद मांगी थी। गोयल ने कहा था कि जल्द राशि नहीं मिली तो सारे विमान खड़े करने पड़ सकते हैं।
- गोयल ने पिछले दिनों कर्मचारियों को भी पत्र लिखा था। उन्होंने भावनात्मक पत्र लिखकर अपील की थी कि मुश्किल हालात में थोड़े समय और साथ दें। गोयल ने भरोसा जताया था 18 मार्च तक हालात पक्ष में होंगे।
- जेट एयरवेज कर्ज बढ़कर 8,200 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। मार्च अंत तक उसे 1,700 करोड़ रुपए का भुगतान करना है। पिछले हफ्ते जेट ने एक विदेशी कर्ज के भुगतान में चूक की थी। घरेलू कर्ज की अदायगी में उसने अब तक कोई डिफॉल्ट नहीं किया है। दिसंबर में इसने भुगतान में देरी की थी, लेकिन उसके बाद भुगतान कर रही है।
- जेट एयरवेज के बोर्ड ने 14 फरवरी को कर्ज की रिस्ट्रक्चरिंग के प्लान को मंजूरी दी थी। इसके अमल में आने के बाद कर्ज देने वाले बैंक जेट एयरवेज के सबसे बड़े शेयरधारक बन जाएंगे। कंपनी की 21 जनवरी को हुई ईजीएम में शेयरधारक भी बैंकों के बकाया कर्ज को कंपनी के शेयर में बदलने के प्रस्ताव पर मंजूरी दे चुके हैं।