कोरोना संकटकाल के बीच बढ़े हुए बिजली के बिलों ने लोगों को परेशानी में डाल दिया है। हाफ बिल का वादा करने वाली शिवराज सरकार के राज में विद्युत वितरण कंपनी के बिल लोगों को तगड़ा झटका दे रहे हैं। वहीं विपक्ष भी अब बिल के मामले पर खुलकर सामने आ गया है पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने बढ़े हुए बिजली बिल को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है अपने आवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए पीसी शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनते ही तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शपथ लेने के बाद 2 फाइलों पर हस्ताक्षर किए थे..
पहला कर्जमाफी औऱ दूसरा 100 रुपये में 100 यूनिट बिजली की फ़ाइल थी… सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने तमाम टैक्स बिजली बिलों में थोप दिए है जिससे स्लम एरिया में आने वाले लोगों के भी 50, हज़ार रुपये से ज्यादा के आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी सबका साथ सबका विकास की बात करती थी…लेकिन बीजेपी ने सबका सत्यानाश कर दिया है..
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि सम्बल योजना का विरोध करने वाले पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया जिन्हें आज संबल योजना बढ़िया लग रही है.. उन्होंने कहा कि बीजेपी घोषणा तो कर देती है…मगर उस घोषणा को अमल में नही लाती हैं। पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया कि
स्लम एरिया में रहने वाले लोगों के बिल एक लाख, 75 हजार, 50 हजार तक आ रहे है…जबकि स्लम एरिया में रहने वाला इतनी बिजली कभी नहीं जला जा सकते है…उन्होंने कहा कि तमाम तरह के टैक्स बिजली बिल में लगाये जा रहे है…बिल आधे किये जाने की घोषणा की गई थी…लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ… प्रदेश सरकार की मांग करते हुए पूर्व जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि गरीबों के लाखों – हजारों के बिल माफ हो.. सभी से 200 रुपये बिजली का बिल लिया जाए..