दिल्ली कांग्रेस की प्रमुख शीला दीक्षित पार्टी की उन नेताओं में से एक हैं जो दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के साथ गठबंधन करने के खिलाफ हैं। गुरुवार को शीला दीक्षित ने कहा कि, उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि पार्टी नेतृत्व एक दूसरे विचार के लिए जमीनी स्तर पर जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा कदम उठाने से पहले पार्टी को उनसे पूछना चाहिए था। पुलवामा आतंकी हमले और राष्ट्रवाद के इर्द-गिर्द बनी भाजपा की नई रणनीति के बाद से कांग्रेस पर नई विपक्षी रणनीति के तहत AAP के साथ गठबंधन करने का दबाव है।पार्टी ने ‘शक्ति’ ऐप पर मांगी प्रतिक्रिया
लेकिन पिछले हफ्ते राहुल गांधी के साथ एक बैठक में दिल्ली कांग्रेस के नेताओं ने सर्वसम्मति से AAP के साथ गठबंधन के विचार के खिलाफ मतदान किया। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि दीक्षित, जिनकी तीन-टर्म सरकार आम आदमी पार्टी के चलते सत्ता से बाहर हो गई थी। उन्होंने इस गठबंधन का कड़ा विरोध किया था। कांग्रेस ने अब कार्यकर्ताओं से पार्टी के ‘शक्ति’ ऐप पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी है। यह एक तरीका है, जिसका इस्तेमाल उन्होंने पिछले साल के विधानसभा चुनावों के बाद मध्य प्रदेश राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों के लिए किया था।
पीसी चाको ने मुझसे इस बारे में चर्चा करनी चाहिए थी
अब ऐसा माना जा रहा है कि ऐप पर आने वाले फीडबैक का अवलोकन करने के बाद राहुल गांधी फिर से नेताओं से मिलेंगे। वहीं इस मामले पर जब शीला दीक्षित से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, मुझे नहीं पता था कि पार्टी ने गठबंधन पर प्रतिक्रिया मांगी है, मुझे मीडिया रिपोर्टों से इस बारे में पता चला है। इस विषय पर प्रतिक्रिया एकत्र करने से पहले उन्हें मुझसे पूछना चाहिए था। पीसी चाको ने मुझसे इस बारे में चर्चा करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि मैं प्रदेश अध्यक्ष हूं लेकिन मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है
राहुल गांधी के फैसले पर सवाल उठाना गलत
गौरतलब है कि पीसी चाको दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी हैं, उनकी तरफ से दिल्ली में आम जनता को फोन किया जा रहा है। जिसमें गठबंधन को लेकर राय मांगी जा रही है। दीक्षित की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए, दिल्ली कांग्रेस के पूर्व प्रमुख अजय माकन ने कहा, राहुल गांधी के निर्देश पर शक्ति ऐप का उपयोग किया गया है, 52,000 कार्यकर्ताओं के फोन नंबर पीसी चाको के पास नहीं हैं। राहुल गांधी के फैसले पर सवाल उठाना गलत है। यह सर्वे बुधवार को शुरू किया गया था और यह गुरुवार को खत्म होगा। वहीं कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि आप के साथ गठबंधन लगभग तय है और इस महीने के अंत तक इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा।