भोपाल.मध्य प्रदेश में कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में पूरा स्वास्थ्य महकमा जुटा हुआ है. लेकिन महामारी के असर को देखते हुए इस महकमे में भी डॉक्टरों की कमी महसूस हो रही है. इस कमी को पूरा करने के लिए सरकार उन आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की मदद ले सकती है जिनके पास डॉक्टरी की डिग्री है. मध्य प्रदेश कैडर में ऐसे कई अफसर हैं जो सिविल सेवा में आने से पहले डॉक्टरी पेशे में थे. इन अधिकारियों को अस्पतालों के साथ समन्वय और मैनेजमेंट जैसी जिम्मेदारी दी जा सकती है.
केंद्र सरकार भी तैयार
केंद्र सरकार भी इस बारे में अपने स्तर पर तैयारी कर रही है. जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार एमबीबीएस डिग्री रखने वाले ब्यूरोक्रेट्स का डाटा तैयार कर रही है. ताकि वक्त आने पर इन अधिकारियों का सही जगह पर प्रभावी तरीके से सही उपयोग किया जा सके.
एमपी के डॉक्टर IAS अफसर
मध्यप्रदेश कैडर के 16 ऐसे आईएएस अधिकारी हैं जिनके पास डॉक्टरी की डिग्री है. कोरोना के खिलाफ जंग में केंद्र और राज्य सरकार इनकी मदद ले रही है. एमपी के जिन आईएएस अधिकारियों के पास डॉक्टरी की डिग्री है उनमें श्रम विभाग के एसीएस राजेश राजौरा, जनसंपर्क आयुक्त सुदाम खाड़े, विदिशा कलेक्टर डॉक्टर पंकज जैन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एमपी की अपर मिशन संचालक डॉ सलोनी साडाना, पन्ना में एसडीएम डॉक्टर शेर सिंह मीणा, स्वास्थ्य आयुक्त डॉ संजय गोयल, अपर आयुक्त नगरी प्रशासन डॉक्टर तेजस्वी नायक, संचालक स्वास्थ्य विजय कुमार जे, कलेक्टर सिवनी डॉक्टर फटिंग राहुल हरिदास, अपर कलेक्टर भोपाल सतीश कुमार, सीईओ जिला पंचायत दमोह डॉ गिरीश कुमार मिश्रा, डिप्टी कलेक्टर उज्जैन भरसद योगेश तुकाराम, एसडीएम खंडवा डॉक्टर परीक्षित संजय राव और एसडीएम जतारा सोनवाने
एमपी के डॉक्टर IPS अफसर
आईएएस अधिकारियों की तरह ही मध्य प्रदेश में कई आईपीएस अधिकारी भी ऐसे हैं जो डॉक्टर हैं. आईपीएस अधिकारी डॉक्टर मयंक जैन डॉक्टर, आकाश जिंदल, अमन सिंह राठौर और डॉक्टर रविंद्र वर्मा एमबीबीएस हैं. मुरैना एसपी असित यादव एमडी मेडिसिन और एसपी नरसिंहपुर डॉक्टर करण सिंह के पास एमबीबीएस की डिग्री है. आईपीएस विवेक अग्रवाल आयुर्वेदिक साइंस से स्नातक हैं. नारकोटिक्स विभाग के एडीजी डॉ एस डब्ल्यू नकवी एमबीबीएस हैं.