पाकिस्तान में बंदी बनाए गए विंग कमांडर अभिनंदन थोड़ी देर में भारत लौटेंगे। इसे देखते हुए वाघा बॉर्डर पर रोजाना होने वाली बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी आज आम लोगों को शामिल होने की इजाजत नहीं दी गई। विंग कमांडर के स्वागत में यहां लोग ढोल-नगाड़े, पोस्टर और हार-फूल लेकर पहुंचे हैं। देशभक्ति के गाने बजाए जा रहे हैं। अभिनंदन के माता-पिता भी उन्हें लेने वाघा बॉर्डर पहुंचेंगे। दिल्ली एयरपोर्ट पर विमान से उतरते वक्त लोगों ने उनका ताली बजाकर स्वागत किया। प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान की संसद में गुरुवार को ऐलान किया था कि भारतीय पायलट को शुक्रवार को भारत को सौंपा जाएगा।
इमरान ने कहा कि पाकिस्तान शांति का संदेश देने के लिए यह कदम उठा रहा है। इससे पहले भारत ने पाक से कहा था कि वह तत्काल और बिना शर्त अभिनंदन को रिहा करे। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से कहा कि भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अगर अभिनंदन की रिहाई के बदले पाक सौदेबाजी की उम्मीद कर रहा है तो यह उसकी बड़ी भूल है।
भारत आते ही परिवार से नहीं मिल पाएंगे अभिनंदन
वायुसेना के रिटायर्ड जूनियर वारंट ऑफिसर भास्कर मिश्रा ने बताया, “वाघा बॉर्डर पर पहुंचने पर अभिनंदन की उनके परिवार से कुछ देर की ही भेंट होगी। सबसे पहले एयर फोर्स की टीम अभिनंदन का मेडिकल टेस्ट करेगी। जांच में अगर मिलता है कि पाक में उनके साथ कोई ज्यादती, टॉर्चर या फिजिकल हैरेसमेंट किया गया है तो इंटरनेशनल रेड क्रॉस सोसायटी उनकी जांच करेगी और इसके बाद इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में पाकिस्तान के खिलाफ मुकदमा किया जाएगा।”
उन्होंने बताया, जांच करने के बाद अभिनंदन का बयान लिया जाएगा कि वहां उनके साथ क्या-क्या हुआ? उनसे वहां क्या पूछताछ हुई और क्या उन्होंने वहां सेना से जुड़ी कोई जरूरी जानकारी बताई? अगर अभिनंदन ने वहां कोई खुलासे किए होंगे, तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी लेकिन उन्हें कभी वायुसेना का अध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा। अगर जांच में सबकुछ ठीक निकलता है तो अभिनंदन को ड्यूटी ज्वाइन करने या फिर घर जाने की अनुमति होगी।
- वाघा बॉर्डर पर बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी रद्द की गई।
- अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर शिव दुलार सिंह ने कहा- अभिनंदन आज आएंगे, लेकिन सही टाइम नहीं बता सकता। कई औपचारिकताएं पूरी करनी हैं। वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी यहां पहुंच चुके हैं। अभिनंद को उन्हें ही सौंपा जाएगा।
- पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा- भारतीय पायलट को दोपहर बाद छोड़ा जाएगा।
- चीन ने पाकिस्तान होकर आने वाली और वहां जाने वाली फ्लाइट्स कैंसिल कीं।
- वाघा बॉर्डर पर अभिनंदन के लौटने से पहले सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
- मीडिया को बॉर्डर से तकरीबन एक किलोमीटर पहले कस्टम पोस्ट (आईसीपी) के बाहर रोका गया। उन्हें यहां से आगे जाने की इजाजत नहीं है।
- पाक ने कहा- अगर भारत ठोस सबूत दे तो हम ‘बेहद बीमार’ मसूद अजहर को गिरफ्तार करेंगे।
- पाकिस्तान से रोजाना आने वाली बस भारत पहुंची और उसे कड़ी सुरक्षा में निकाला गया।
‘एक पायलट प्रोजेक्ट पूरा हो गया’
पाकिस्तान की ओर से गुरुवार को अभिनंदन की रिहाई के ऐलान के कुछ ही देर बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के विज्ञान भवन में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार समारोह के दौरान स्पीच दे रहे थे। उन्होंने पाक का नाम लिए बगैर उस पर तंज कसा। प्रधानमंत्री ने कहा- “पायलट प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद उसे बढ़ाया जाता है, तो अभी एक पायलट प्रोजेक्ट हुआ है। अब रियल करना है, पहले तो प्रैक्टिस थी।”
पाक के 3 विमानों ने की थी घुसपैठ
इससे पहले बुधवार को पाकिस्तान वायुसेना के तीन विमानों ने भारतीय वायु क्षेत्र का उल्लंघन किया था। वे यहां तीन मिनट तक रहे। पाक ने सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले की कोशिश की थी। वायुसेना ने घुसपैठ का जवाब देने के लिए 2 मिग-21 और 3 सुखोई-30 भेजे। मिग के पायलट ने एक पाकिस्तानी एफ-16 मार गिराया। हालांकि, इस दौरान हमारा एक मिग क्रैश हो गया, जिसके चलते पायलट विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तान ने बंदी बना लिया।
इससे पहले भी पाक से जवानों की रिहाई हो चुकी है
करगिल जंग के वक्त जब कम्बापति नचिकेता वायुसेना में फ्लाइट लेफ्टिनेंट थे तब उनकी उम्र 26 साल थी। उनके जिम्मे बटालिक सेक्टर की सुरक्षा थी। 27 मई 1999 को वे मिग-27 फाइटर प्लेन उड़ा रहे थे जब इंजन फेल हो जाने के चलते उन्हें इजेक्ट होना पड़ा और पैराशूट के सहारे वे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में जा गिरे। पाकिस्तान के सैनिकों ने उनके साथ बुरी तरह मारपीट की। पाक सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के दखल के बाद उनके साथ बुरा बर्ताव रुका। भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान पर दबाव बनाया और 8 दिन बाद नचिकेता की रिहाई हो सकी।
1965 की भारत-पाक जंग के वक्त भी कई भारतीय सैनिकों को पाक ने बंदी बना लिया था। इनमें एक स्क्वॉड्रन लीडर केसी करियप्पा भी थे। उनके विमान को पाकिस्तानी वायुसेना ने निशाना बनाया था। इसके बाद उन्हें पाकिस्तान ने बंदी बना लिया था। जब जंग खत्म हुई तो चार महीने बाद उनकी रिहाई हो सकी।