इंदौर की कानून व्यवस्थाओं पर चर्चा करने रेसीडेंसी कोठी पहुंचे कैलाश विजयवर्गीय को संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी के घर के बाहर धरना देने बैठना पड़ा। नगर अध्यक्ष गोपी कृष्ण नेमा द्वारा शहर के अधिकारियों से चर्चा करने का समय दिया गया था। बावजूद इसके कलेक्टर, निगम कमिश्नर, संभागायुक्त, एसएसपी समेत कोई अधिकारी वहां मौजूद नहीं थे। जिसके बाद कैलाश विजयवर्गीय का गुस्सा फूट पड़ा और वहां मौजूद एडीएम तोमर पर बरस पड़े।
एडीएम तोमर ने बताया कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के साथ लगभग पांच सौ कार्यकर्ता मौजूद थे। अधिकारियों के आने की सूचना यहां प्राप्त नहीं हुई है। अधिकारियों के नहीं मिलने पर कैलाश विजयवर्गीय द्वारा संभागायुक्त के घर के बाहर बिना अनुमति धरना दिया गया, जिसमें धारा 144 का उल्लंघन होने से नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि धरना देने का कोई आयोजन नहीं था। अधिकारियों से शहर की समस्याओं को लेकर मिलने की योजना थी। साथ ही विधिवत रूप से हमारे नगर अध्यक्ष ने शहर के चार अधिकारी एसएसपी, कलेक्टर, संभागायुक्त और निगम कमिश्नर को पत्र लिखा। जिसमें निगम कमिश्नर का जवाब हमें प्राप्त हुआ। लेकिन अन्य अधिकारियों का किसी प्रकार का जवाब हमें नहीं मिला। रेसीडेंसी पहुंचने पर हमें अन्य अधिकारी नहीं मिलें। भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय पार्टी है, जिसके केंद्र में सरकार है। प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने कहा अध्यक्ष द्वारा लिखे पत्र का अधिकारी जवाब नहीं देते हैं, इसे हम गंभीरता से लेंगे। इसे भाजपा का अपमान बताते हुए विजयवर्गीय ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कोई ऐसी पार्टी नहीं है। जिसे अधिकारी अनदेखा कर दे, उन्होंने कहा कि भाजपा की अवहेलना करना अधिकारियों को महंगा पड़ेगा, समय आने पर अधिकारियों को जमीन दिखाई जाएगी। वही उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा है कि अब सरकार से सीधा मुकाबला किया जाएगा।