
इंदौर : रेप के आरोपी डिप्टी कलेक्टर राजेश सोरते को राहत मिली है। इंदौर हाईकोर्ट ने सुनवाई में उनकी जमानत याचिका मंजूर कर ली है। डिप्टी कलेक्टर पर साथी कर्मचारी एक महिला ने रेप के आरोप लगाए थे।पुलिस ने जांच के बाद रेप के मामले में डिप्टी कलेक्टर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था। कोर्ट में जमानत का आधार देरी से प्रकरण दर्ज होने के बना। दरअसल महिला ने अक्टूबर माह में पचोर थाने में अपने साथ दुष्कर्म होने की शिकायत की। शिकायत में बताया गया था कि घटना 2022 की है। तब सोराते तहसीलदार थे। महिला ने आरोप लगाया कि शादी का झांसा देकर उनके साथ शारीरिक संबंध बनाए गए।डिप्टी कलेक्टर के वकील ने सुनवाई में यह बताया कि महिला समय-समय पर परिवार के लिए लाखों रुपये सोरते से ले चुकी है। कोर्ट ने कहा कि जब दुष्कर्म हुआ तब महिला ने प्रकरण दर्ज क्यों नहीं कराया।
महिला ने पुलिस थाने में की शिकायत में कहा था कि उसे पति की मौत के बाद अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। वह सोरते के अधिनस्त काम करती थी। वे कई बार अपने घर पर भी काम के सिलसिले में बुलाते थे और मुझे शादी का वादा भी करने लगे।
उन्होंने राजस्थान के एक मंदिर में जाकर मांग में सिंदूर भी भरा था। इसके बाद उनका प्रमोशन हो गया और वे डिप्टी कलेक्टर बनकर भोपाल चले गए। जब मैने साथ रहने की बात कही तो मां के बीमार होने के बहाना बनाते थे। दो माह पहले वे शादी से मुकर गए और कहने लगे कि नहीं करुंगा शादी, जहां शिकायत करना हो कर दो मेरी।