लखनऊ. उत्तर प्रदेश की गलियों से ही होकर दिल्ली का दरबार मिलता है, ये बात सभी राजनैतिक दलों को भलीभांति पता है. इसी को लेकर हर दल अपनी सियासी ज़मीन को यूपी में मजबूत रखने के लिए जीतोड़ कोशिश भी करते हैं.
बात करें पिछले लोकसभा चुनाव की तो, भाजपा के वोटबैंक में सेंधमारी से समाजवादी पार्टी और कांग्रेस को इसका फायदा मिला था, लेकिन ये खबर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को पशोपेश में डालने वाली थी. जिसको लेकर भाजपा और आरएसएस ने कई दौर की बैठक की और नतीजा निकाला.
अब भाजपा के भी होंगे मुस्लिम वोटर
भारतीय जनता पार्टी सदस्यता अभियान के तहत 2 करोड़ सदस्यों को जोड़ने की कवायद कर रही है. जिससे कि एक मजबूत वोटबैंक भाजपा के सियासी सफर की स्टेयरिंग को आसानी से मूव होने दे. ऐसे में भाजपा ने 5 लाख मुस्लिम सदस्यों को भी पार्टी का झंडाबरदार बनाने का एजेंडा भी तैयार किया है. भारतीय जनता पार्टी 18 सितम्बर से यूपी के अलग अलग जिलों में खासतौर पर जहां मुस्लिम बहुल इलाका है, वहां पर मुस्लिम कार्यकर्ताओ को अपने कार्यक्रम में जोड़ने पर विचार कर रही है.
विपक्ष के वोटबैंक में सेंधमारी
भाजपा अभी तक राष्ट्रवाद और हिन्दू एजेंडे पर अपनी कार्ययोजना को आगे बढ़ा रही थी, लेकिन अब भाजपा में मुस्लिम चेहरों को भी तवज्जो दिए जाने पर भी अमल शुरू हो गया है.
आरएसएस के एक पदाधिकारी ने बताया कि इसके पीछे का उद्देश्य है कि भाजपा को कट्टर हिन्दू वाले चोले से बाहर निकलना दूसरा प्रधानमंत्री के सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास की कल्पना को ज़मीन पर मूर्त रूप देना.