भोपाल। मध्य प्रदेश के मऊगंज में लोकायुक्त ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अपर कलेक्टर को कार्यालय में रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। वहीं मामला सामने आने के बाद सीएम डॉ मोहन यादव ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए मऊगंज जिले के अपर कलेक्टर अशोक कुमार ओहरी को निलंबित करने के आदेश दिए हैं।
सोशल मीडिया (X) पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लिखा कि मध्य प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत रिश्वत लेने के मामले में अपर कलेक्टर, जिला मऊगंज को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया है। नागरिक हितों से खिलवाड़ करने वाले किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पूर्व में भी शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त हिदायत दी जा चुकी है कि जमीन नामांतरण, बटवारा आदि मामलों के निराकरण में गंभीरता बरतें। मध्यप्रदेश सरकार अपने नागरिकों को बेहतर, त्वरित और पारदर्शी तरीके से सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है।
जानकारी के अनुसार, फरियादी रामनिवास तिवारी से बंटवारे की फाइल में राजस्व न्यायालय द्वारा उनके पक्ष में कार्रवाई करने के लिए 20000 हजार रुपए की रिश्वत मांगी गई थी। जिसमें पहले 10000 हजार रुपए उससे ले लिए गए थे। शिकायतकर्ता के अनुरोध करने पर पांच हजार रुपए कम भी कर दिए थे। गुरूवार को लोकायुक्त की कार्रवाई में मऊगंज अपर कलेक्टर अशोक कुमार ओहरी 5000 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़े गए हैं।