भोपाल। मध्य प्रदेश के रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। पितृपक्ष के अवसर पर रानी कमलापति-गया के बीच स्पेशल ट्रेन चलाई जाएंगी। जो विदिशा, गंजबासौदा, बीना, सागर, दमोह, कटनी, मैहर और सतना से होकर गुजरेगी। इसके अलावा दीपावली और छठ पर्व पर रानी कमलापति से दानापुर के बीच स्पेशल ट्रेन चलेगी। रेलवे ने यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
पितृपक्ष के अवसर पर रानी कमलापति-गया के बीच स्पेशल ट्रेन
रेलवे ने पितृपक्ष के अवसर पर बड़ी संख्या में श्राद्ध जैसे धार्मिक कार्य के लिए गया (बिहार) जाने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए गाड़ी संख्या 01667 रानी कमलापति-गया के मध्य 16 सितंबर से चार ट्रिप के लिए और गाड़ी संख्या 01668 गया-रानी कमलापति के मध्य 19 सितंबर से तीन ट्रिप के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है। यह गाड़ी दोनों दिशाओं में विदिशा, गंजबासौदा, बीना, सागर, दमोह, कटनी, मैहर, सतना, मानिकपुर, प्रयागराज छिवकी, मिर्जापुर, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन, सासाराम, डेहरी-ऑन-सोन और अनुग्रह नारायण रोड स्टेशनों पर रुकेगी। इस स्पेशल ट्रेन में वातानुकूलित द्वितीय सह तृतीय श्रेणी, वातानुकूलित तृतीय श्रेणी, शयनयान श्रेणी, सामान्य श्रेणी सहित कुल 21 कोच रहेंगे।
गाड़ी संख्या 01667 रानी कमलापति-गया पितृपक्ष स्पेशल ट्रेन दिनांक 16.09.2024 (सोमवार), 21.09.2024 (शनिवार), 26.09.2024 (गुरुवार) और 01.10.2024 (मंगलवार) को रानी कमलापति स्टेशन से दोपहर 13:20 बजे प्रस्थान कर विदिशा, गंजबासौदा, बीना, सागर, दमोह, कटनी, मैहर और सतना से होते हुए अगले दिन सुबह 08:20 बजे गया स्टेशन पहुंचेगी। इसी प्रकार गाड़ी संख्या 01668 गया-रानी कमलापति पितृपक्ष स्पेशल ट्रेन दिनांक 19.09.2024 (गुरुवार), 24.09.2024 (मंगलवार) और 29.09.2024 (रविवार) को गया (बिहार) स्टेशन से दोपहर 15:10 बजे प्रस्थान कर अगले दिन सतना, मैहर, कटनी, दमोह, सागर, बीना, गंजबासौदा, विदिशा से होकर 11:20 बजे रानी कमलापति स्टेशन पहुंचेगी।
रानी कमलापति से दानापुर के बीच चलेगी दिवाली और छठ स्पेशल ट्रेन
इसके अलावा रानी कमलापति से दानापुर के बीच दीपावली और छठ पर्व पर स्पेशल ट्रेन चलेगी। 26 अक्टूबर से 12 नवंबर तक छह-छह ट्रिप स्पेशल ट्रेन चलेगी। दोनों ओर से सप्ताह में दो दिन इन ट्रेनों का संचालन होगा। भोपाल मंडल के नर्मदापुरम, इटारसी स्टेशनों पर ठहराव होगा। रेलवे ने यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।