हर महीने की पहली तारीख को होने वाला वंदे मातरम् गायन एक फरवरी शुक्रवार को नए स्वरूप में फिर से शुरू हो गया। पुलिस बैंड की धुन पर वंदेमातरम् का गायन किया गया। इसके बाद एक मार्च शौर्य स्मारक से वल्लभ भवन मंत्रालय तक निकाला गया। इसमें सभी विभागों के कर्मचारी और अधिकारी शामिल हुए।
इसके साथ ही सरदार वल्लभ भाई पटेल उद्यान में आयोजित राष्ट्रगीत एवं राष्ट्रगान में मुख्यमंत्री कमल नाथ और जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा के साथ ही बड़ी संख्या में मंत्री, अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए। इस दौरान बड़ी संख्या में आम लोग भी आए।
असल में, कमल नाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद नए साल की पहली तारीख को 13 साल से चली आ रही परंपरा को बंद कर दिया गया था। भारी विरोध के बाद मुख्यमंत्री ने वंदेमातरम् गायन को नए स्वरूप में शुरू करने की घोषणा की थी।
- पूरे रास्ते आम नागरिक मंत्रियो, सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ पुलिस बैंड की धुन पर देशभक्ति के नारे लगाते चले।
- रास्ते भर आम नागरिक इस कारवां में जुड़ते चले जा रहे थे। लोगों में देशभक्ति का जुनून नज़र आया।
- वल्लभ भवन पहुंचते ही मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ सभी ने सामूहिक राष्ट्रगीत व राष्ट्रगान का गान किया।
- सभी उपस्थित लोगों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के इस पहल का स्वागत किया।
इसलिए लगाई थी रोक
कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद वंदे मातरम गान पर रोक लगा दी थी। तर्क यह था कि इसमें कर्मचारियों की रुचि नहीं है और फिजूलखर्ची हो रही है। लेकिन भाजपा ने इसे मुद्दा बनाया तो कांग्रेस बैकफुट पर आ गई। तब मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ऐलान किया कि वंदे मातरम गान अब नए फार्मेट में होगा। पहले वल्लभ भवन पार्क में टेंट और स्पीकर लगाकर गान कर लिया जाता था। लेकिन नए फार्मेट में गान करने से आयोजन का खर्च बढ़ जाएगा।

