सातवें चरण में 199 दागी, 299 करोड़पति; पांच सबसे अमीर उम्मीदवारों में कंगना रनौत भी

देश में लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया के पांच चरण पूरे हो चुके हैं। बाकी दो चरणों के लिए मतदान 25 मई और 1 जून को कराए जाएंगे। सातवें दौर के नामांकन की सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं। इस बीच, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने सातवें चरण में चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया है। इस चरण में कुल 904 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जिनके शपथपत्रों का विश्लेषण किया गया है। एडीआर ने जारी किए एक विश्लेषण में बताया है कि सातवें चरण में 904 उम्मीदवारों से 199 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं 299 उम्मीदवार करोड़पति हैं।

उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि
एडीआर द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, मौजूदा लोकसभा चुनावों में भाग लेने वाले 8,337 उम्मीदवारों में से 1,644 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इन उम्मीदवारों में से 1,188 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, महिलाओं के खिलाफ अपराध और नफरती भाषण से जुड़े आरोप शामिल हैं।

सातवें दौर की बात करें तो इसमें लड़ रहे 904 में से 199 (22 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। 151 (17 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। 13 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर दोषसिद्ध मामले घोषित किए हैं। चार उम्मीदवारों ने अपने ऊपर हत्या (आईपीसी-302) से जबकि 27 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ हत्या के प्रयास (आईपीसी-307) से जुड़े मामले घोषित किए हैं। महिलाओं के ऊपर अत्याचार से जुड़े मामले घोषित करने वाले उम्मीदवार 13 हैं। इन 13 में से दो उम्मीदवारों के ऊपर दुष्कर्म (आईपीसी-376) से जुड़ा मामला दर्ज है। इसके अलावा, भड़काऊ भाषण से जुड़े मामले घोषित करने वाले कुल 25 उम्मीदवार हैं।

दलवार आंकड़े क्या हैं?
एडीआर ने सातवें चरण में उम्मीदवारों द्वारा घोषित आपराधिक मामले दलवार आंकड़े जारी किए हैं।

टीएमसी के नौ में से सात, सपा के नौ में से सात, माकपा के आठ में से पांच, शिअद के 13 में से आठ, भाजपा के 51 में से 23, कांग्रेस के 31 में से 12, आप के 13 में से पांच, बीजद के छह में से दो, भाकपा के सात में से दो और 56 में से 13 में बसपा के उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है।

वहीं, सपा के नौ में से छह, माकपा के आठ में से चार, भाजपा के 51 में से 18, टीएमसी के नौ में से तीन (33 प्रतिशत), बीजद के छह में से दो, शिअद के 13 में से चार, आप के 13 में से चार, कांग्रेस के 31 में से सात, बसपा के 56 में से 10 और सात में से एक भाकपा के उम्मीदवारों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किये हैं।

उम्मीदवारों की संपत्ति का लेखा-जोखा
904 में से 33 प्रतिशत यानी 299 उम्मीदवार करोड़पति हैं। सबसे ज्यादा भाजपा के 44 उम्मीदवार करोड़पति हैं। दूसरे स्थान पर कांग्रेस है जिसके 30 उम्मीदवार करोड़पति हैं। चुनावी हलफनामों में इन प्रत्याशियों ने एक करोड़ से ज्यादा की संपत्ति घोषित की है। लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें चरण में हर उम्मीदवार के पास औसतन 3.27 करोड़ की संपत्ति है। दलवार आंकड़ों पर गौर करें तो शिअद के 13 उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति 25.68 करोड़ की है। 

संपत्ति (रुपये में)उम्मीदवार
5 करोड़ और उससे अधिक111
2 करोड़ से 5 करोड़84
50 लाख से 2 करोड़224
10 लाख से 50 लाख257
10 लाख से कम228

सबसे अमीर प्रत्याशी
सातवें चरण में सबसे ज्यादा संपत्ति घोषित करने वाले उम्मीदवार हरसिमरत कौर बादल हैं। पंजाब के बठिंडा से शिअद प्रत्याशी हरसिमरत ने कुल 198 करोड़ की संपत्ति घोषित की है। इस मामले में दूसरे स्थान पर भाजपा के बैजयंत पांडा हैं। ओडिशा की केंद्रपाड़ा सीट से चुनाव लड़ रहे पांडा ने अपने हलफनामे में 148 करोड़ की दौलत बताई है। तीसरे सबसे धनी प्रत्याशी भाजपा के संजय टंडन हैं। चंडीगढ़ सीट से चुनाव लड़ रहे टंडन की संपत्ति 111 करोड़ की है।

अधिक संपत्ति के मामले में हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से चुनाव लड़ रहे दो प्रमुख उम्मीदवार भी शामिल हैं।  कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह ने 100 करोड़ से अधिक की संपत्ति घोषित की है। वहीं फिल्म अभिनेत्री और भाजपा उम्मीदवार कंगना रनौत ने 91 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है।

उधर तीन उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति 1500 रुपये से 2500 रुपये के बीच घोषित की है। इन उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति क्रमश 2 रुपये, 1686 रुपये और 200 रुपये बताई है। 

44% उम्मीदवारों की पढ़ाई 5वीं और 12वीं के बीच
 तमाम उम्मीदवारों की शैक्षिक योग्यता की बात करें तो 402 (44 प्रतिशत) उम्मीदवार 5वीं और 12वीं के बीच पढ़ाई किए हुए हैं। 430 (48 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता स्नातक और इससे ज्यादा बताई है। 20 उम्मीदवार डिप्लोमा धारक हैं। 26 उम्मीदवार साक्षर जबकि 24 उम्मीदवार असाक्षर भी हैं। 

उम्मीदवारों की आयु के आंकड़े देखें तो 243 (27 प्रतिशत) उम्मीदवार 25 से 40 वर्ष के बीच के हैं। 481 (53 प्रतिशत) प्रत्याशी 41 से 60 वर्ष के बीच हैं। 177 (20 प्रतिशत) उम्मीदवारों की आयु 61 से 80 वर्ष है। तीन उम्मीदवारों ने अपनी आयु 80 वर्ष से अधिक घोषित की हैं।

इस लोकसभा चुनाव में 10% से भी कम उम्मीदवार महिलाएं
एडीआर द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, सातवें चरण के चुनाव में 95 यानी महज 11 प्रतिशत महिला उम्मीदवार हैं। मौजूदा लोकसभा चुनाव में 10 प्रतिशत से भी कम उम्मीदवार महिलाएं हैं। विश्लेषण किए गए 8,337 उम्मीदवारों में से केवल 797 महिलाएं हैं। यह आंकड़ा सभी सात चरणों में चुनाव लड़ रहे कुल उम्मीदवारों का मात्र 9.5 प्रतिशत हैं।

पहले चरण के चुनाव के दौरान 1,618 उम्मीदवारों में से केवल 135 महिलाएं थीं। चरण 2 में 1,192 उम्मीदवारों ने भाग लिया, जिनमें से एडीआर ने 1,198 उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया और इसमें 100 से अधिक महिलाएं थीं। तीसरे चरण में कुल 1,352 उम्मीदवार थे, जिनमें 123 महिलाएं थीं।

चरण 4 में 1,717 उम्मीदवारों में से 1,710 के हलफनामों का विश्लेषण किया गया और 170 महिलाएं थीं। चरण 5 में सबसे कम 695 उम्मीदवार थे, जिनमें 82 महिलाएं थीं। चरण 6 में 869 उम्मीदवारों में से 866 के हलफनामों का विश्लेषण किया गया और 92 महिलाएं थीं। वहीं चरण 7 में 904 उम्मीदवार हैं जिनमें केवल 95 महिलाएं हैं।

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