चक्रवाती तूफान मिचौंग के बाद अब भारी बारिश ने तमिलनाडु के जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। मौसम विभाग ने भीषण बारिश का अलर्ट जारी किया है। तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों में लगातार बारिश के कारण जल भराव की स्थिति बन गई है। आलम यह है कि भारी बारिश के चलते 10 लोगों की मौत हो गई है। इसकी जानकारी तमिलनाडु के मुख्य सचिव शिव दास मीना ने दी है। जल भराव की स्थिति होने से कई लोग फंस गए हैं। इसी बीच, भारतीय सेना की बचाव टीम श्रीवैकुंठम पहुंची हैं। बता दें पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश के चलते ताम्रपर्णी नदी में बाढ़ आ गई है, जिसके कारण कई इमारतें डूब गई है।बदलते मौसम की मार तमिलनाडु पर साफ दिखाई दे रही है। कई इलाकों में घरों की छत तक नहीं दिखाई दे रही हैं। भारी बारिश के चलते चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है। वीडियो में तमिलनाडु के जल मग्न इलाकों को साफ देखा जा सकता है। ड्रोन से ली गई इन तस्वीरों ने साफ दिखाई दे रहा है कि तमिलनाडु चक्रवाती तूफान मिचौंग के बाद अन्य त्रासदी को झेल रहा है। भारी बारिश के चलते घरों में पानी घुसने के कारण लोगों को विस्थापित होना पड़ रहा है। नाले, नदियां बारिश के चलते उफान पर हैं।
सीएम स्टालिन ने प्रधानमंत्री मोदी से की मुलाकात
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मंगलवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और मिचौंग तूफान और दक्षिणी जिलों में भारी बारिश से हुए नुकसान को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और आपदा राहत कोष प्रदान करने का अनुरोध किया। सीएम स्टालिन ने कहा कि 100 साल के इतिहास में दक्षिणी जिलों में भारी बारिश से काफी नुकसान हुआ है। इसलिए तिरुनेलवेली, थूथुकुडी, कन्याकुमारी और तेनकासी जिलों के लोगों को जरूरी सहायता पहुंचाने के लिए आपदा राहत कोष से 2000 करोड़ रुपये जारी करने की जरूरत है।
राहत शिविरों में रह रहे लोग
तमिलनाडु के मुख्य सचिव शिव दास मीना ने आगे कहा कि अब तक हमने 160 राहत शिविर स्थापित किए हैं और इन राहत शिविरों में लगभग 17,000 लोगों को रखा गया है। लोगों को लगभग 34,000 भोजन के पैकेट वितरित किए गए हैं और अब भी हम कुछ गांवों तक नहीं पहुंच सकते क्योंकि जल स्तर अभी भी कम नहीं हुआ है।