इंदौर शहर अध्यक्ष को लेकर जारी भारी उठापटक के बाद आखिरकार गुरुवार को कांग्रेस ने सुरजीतसिंह चड्ढा को शहर कांग्रेस अध्यक्ष बना दिया है। इसके साथ ही होल्ड पर किए गए अरविंद बागड़ी और नगर अध्यक्ष के लिए लंबे समय से दावेदारी कर रहे गोलू अग्निहोत्री को प्रदेश कांग्रेस का महासचिव बनाया गया है। इस संबंध में प्रदेश कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने गुरुवार शाम को आदेश जारी किया है।
6 महीने से खाली पड़ी इंदौर शहर कांग्रेस की कुर्सी पर सुरजीतसिंह चड्ढा काबिज हो गए है। अरविंद बागड़ी, विनय बाकलीवाल और गोलू अग्निहोत्री की लड़ाई में चड्ढा ने बाजी मार ली है। सुरजीतसिंह दो बार कांग्रेस से पार्षद रह चुके हैं और दिग्विजय सिंह के कट्टर समर्थक बताए जाते हैं।
कांग्रेस नेताओं से मिली जानकारी के अनुसार दिग्विजय सिंह ने ही शहर अध्यक्ष के लिए सुरजीत सिंह का नाम कांग्रेस आलाकमान तक भेजा था। वहीं भोपाल में मोनू सक्सेना को कांग्रेस का जिला अध्यक्ष बनाया गया है। जिन्हें भी दिग्विजय सिंह का करीबी बताया जा रहा है।
कांग्रेस द्वारा जारी इन नियुक्तियों पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि कुल मिलाकर मध्य प्रदेश कांग्रेस के संगठन के विभिन्न पदों पर धीरे-धीरे दिग्विजय सिंह गुट का कब्जा बढ़ता जा रहा है, अन्य सभी गुट हाशिए पर हैं।
6 साल रह चुके है पिता शहर अध्यक्ष
सुरजीत सिंह चड्ढा के पिता उजागर सिंह चड्ढा भी शहर कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं। वे 2001 से 2007 तक 6 साल तक शहर अध्यक्ष रह चुके हैं। उनसे पहले कृपाशंकर शुक्ला नगर अध्यक्ष थे जो कि 12 साल तक शहर अध्यक्ष रहे।
यह हैं शहर कांग्रेस अध्यक्ष बनाने का पैमाना
शहर कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मुख्य रूप से ऐसे व्यक्ति को दी जाती है, जो सभी बातों में चाक चौबंद हो। तकनीकी रूप से साउंड हो। मिलनसार हो, पूरे इंदौर में जाना पहचाना हो। ऐसी कई बातों को लेकर कई नेताओं की जानकारी निकाली गई थी। इस जानकारी के आधार पर इंदौर शहर कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी जाती है।
दिल्ली तक लगा आए थे कांग्रेस नेता चक्कर
शहर कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर इंदौर से कई नेता व पार्षद दिल्ली तक तगादा करके आ चुके है। वहां उन्होंने कांग्रेस के कई बड़े नेताओं से मुलाकात की और चुनावी साल में शहर अध्यक्ष पद के लिए कुछ नाम भी आगे रखे। वहीं दूसरी तरफ बागड़ी के समर्थन में समाज जन भी मैदान में उतरे थे। उन्होंने भी बागड़ी को दिए पद को होल्ड करने को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। समाज जनों ने इसे लेकर बैठकें भी की थी।
इंदौर कांग्रेस नगर अध्यक्ष का विवाद ऐसे हुआ था शुरू, जिससे सुरजीत को हुआ फायदा
21 जनवरी को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की एक सूची जारी हुई। इस सूची में इंदौर शहर कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी से विनय बाकलीवाल को मुक्त करते हुए अरविंद बागड़ी को कमान सौंपी गई। इस घोषणा के बाद से ही शहर कांग्रेस में नए नाम को लेकर अंदर खाने खींचतान शुरू हो गई।
कुछ कांग्रेसी नेताओं ने कांग्रेस कार्यालय गांधी भवन के बाहर बागड़ी का पुतला भी जला दिया। इसके बाद बागड़ी ने शहर कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी संभाली, लेकिन कुछ ही देर बाद पूर्व सांसद और मप्र के प्रभारी वरिष्ठ नेता जे.पी अग्रवाल का लेटर आया, जिसमें बागड़ी के शहर कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने के फैसले को होल्ड कर दिया।
लेटर आते ही पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल गांधी भवन पहुंचे और फिर से पद की जिम्मेदारी संभाल ली। यह भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को रास नहीं आया। एक लेटर और जारी हुआ, जिसमें इस पद की जिम्मेदारी अगले आदेश तक के लिए इंदौर जिला संगठन कांग्रेस प्रभारी महेंद्र जोशी को सौंप दी गई।