यूरेशियन ग्रुप की बैठक में गुरुवार को मप्र के राज्यपाल मंगू भाई पटेल और केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी शामिल हुई। अपने संबोधन में राज्यपाल मंगू भाई ने कहा कि किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए मनी लॉन्ड्रिंग खतरा है। वहीं, केंद्रीय मंत्री चौधरी ने कहा कि आर्थिक बदलाव के इस दौर में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंंकवाद के लिए होने वाली फंडिंग में तकनीक का इस्तेमाल होने लगा है। उन पर कोई एक देश रोक नहीं लगा सकता। इसके लिए विश्व के देशों के संगठित प्रयास जरूरी है। भारत लगातार इस दिशा में काम कर रहा है। डिजिटल ट्रांजेक्शन, यूपीआई का प्रचलन देश में तेजी से बढ़ा है।
राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग की जटिल समस्या को खत्म करने के लिए विश्व के देशों की अखंडता, एक समान नीतियां और समग्र प्रयास जरूरी है। भारत ने बीते कुछ वर्षों में आर्थिक बदलाव के साथ डिजिटल ट्रांजेक्शन को अपनाया है। इस सुविधा का गलत फायदा अपराधी भी उठाने लगे हैं। यूरेशियन समूह के सदस्य देशों ने एक साथ मिलकर इस पर मंथन किया है। इस मीटिंग के बेहतर निष्कर्ष निकलेंगे, जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद होंगे।
आतंकवाद सभी देशों के लिए खतरा : सिलावट
जलसंसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि आतंकवाद सभी देशों के लिए खतरा रहते है। आतंकवादी घटना कही भी हो, लेकिन उसके लिए फंडिंग सीमा पार देशों से होती है। इस पर अंकुश लगाने के लिए एकीकृत प्रयास होना चाहिए। नए नियम और प्रावधान के जरिए इस तरह की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है। इसके लिए तकनीक भी मददगार साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रधानमंत्री कहा करते थे कि हम एक रुपया जनता के लिए भेजते हैं तो 25 पैसे ही पहुंचते हैं, लेकिन डिजिटल युग में मोदी सरकार ने केंद्र की राशि सीधे जरूरतमंद व पात्र लोगों के खाते में डालने का सिस्टम बनाया है। मीटिंग में अन्य विशेषज्ञों ने भी अपनी बात रखी। सभी अतिथियों के साथ राज्यपाल ने एक ग्रुप फोटो भी खिंचवाया।