दमोह। मध्यप्रदेश की बहुचर्चित बसपा विधायक रामबाई सिंह एक बार फिर अपनी दंबगई के चलते चर्चाओं में आ गई हैं. कुछ महीनों से शांत दिख रही बीएसपी विधायक ने एक बार फिर हंगामा खड़ा कर दिया और एक डॉक्टर को उसकी क्लीनिक में ना सिर्फ जलील किया, बल्कि अधिकारियों को बुलाकर डॉक्टर की क्लीनिक सील करा दी और क्लीनिक में रखी दवाइयों को भी जब्त करा दिया. मामला रामबाई सिंह की अपने विधानसभा क्षेत्र दमोह जिले के पथरिया का है. दरअसल, उनके क्षेत्र के सद्गुआ उप स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डाक्टर पुष्पेंद्र त्रिपाठी पथरिया शहर में अपनी निजी क्लीनिक खोले हैं. विधायक को शिकायत मिली कि डॉ सरकारी अस्पताल में ना जाकर अपनी निजी क्लीनिक में रहते हैं।
शनिवार की सुबह 10 बजे विधायक रामबाई अपने समर्थकों और स्टाफ के साथ डॉ त्रिपाठी की क्लीनिक पहुंच गईं, जहां त्रिपाठी मरीजों का इलाज कर रहे थे. फिर क्या था विधायक साहिबा आगबबूला हो गईं और आनन-फानन में उन्होंने ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर और पुलिस थाने के टीआई को निजी क्लीनिक में तलब किया और चंद मिनटों में ही दोनों अफसर वहां पहुंच गए. नायक फिल्म के अनिल कपूर की स्टाइल में विधायक ने खैर खबर लेना शुरू किया तो इस बीच डॉ की क्लीनिक और उसके बाहर सैकड़ों लोग जमा हो गए. जनता को देखकर विधायक साहिबा के हौसले और बड़े और फिर शुरू हुआ एक डॉक्टर को जलील करने का सिलसिला।
विधायक साहिबा ने पहले तो डॉक्टर को फटकार लगाई और फिर उसकी क्लीनिक का मुआयना कर वहां रखी तमाम दवाइयों को जब्त भी करा दिया. विधायक के रसूख के सामने अफसर बेबस और लाचार नजर आ रहे थे. खुद विधायक ने यहां भर्ती मरीजों को निकाला और उन्हें सरकारी दवाखाने जाने को कहा. विधायक ने आदेश दिया तो ब्लॉक मेडिकल ऑफसर ने मौके पर ही ना सिर्फ दवाएं जब्त करके अपनी गाड़ी में रखवाई बल्कि डॉक्टर त्रिपाठी की क्लीनिक भी सील कर दी. सड़क पर तमाशा देख रहे लोग रोमांचित थे और डॉक्टर त्रिपाठी दलील देते रहे की ग्यारह बजे से उनकी ड्यूटी पथरिया में चल रहे स्कूली खेलों में बतौर चिकित्सक मेडिकल एड देने के लिए लगी है, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं था।
तमाम कार्रवाई कराने के बाद बसपा विधायक रामबाई सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कई दिनों से डॉ की शिकायतें मिल रही थी, जिस वजह से उन्होंने छापा मारा है. विधायक के मुताबिक उन्होंने डॉक्टर के खिलाफ FIR दर्ज कराने के निर्देश भी दिए हैं और चेतावनी भी दी है कि उनके इलाके में सरकारी मुलाजिमों की मनमानी नहीं चलेगी. अगर कोई मनमानी करेगा तो उसे ऐसी सजा मिलेगी, जिसके बारे में उसने सोचा भी नहीं होगा. वहीं दूसरी तरफ कार्रवाई के बाद डॉक्टर त्रिपाठी गायब हो गए हैं।