भोपाल। निगम मंडलों में हुई नियुक्तियों के बाद अब प्रदेश सरकार जल्द ही मंत्रिमंडल में फेरबदल कर सकती है. सियासी गलियारों में ऐसी चर्चाएं तेजी से चल रही है. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने सभी मंत्रियों को उनके रिपोर्ट कार्ड के साथ वन-टू-वन के बुलाया है. मुख्यमंत्री 3 जनवरी के बाद अपनी टीम से आगामी योजना और रणनीति पर बातचीत करेंगे.
कैबिनेट में 4 जगह खाली हैं
ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद उनके समर्थकों को एडजस्ट करने कवायद खत्म हो गई है. सिंधिया के समर्थक मंत्री मंडल और निगम मंडलों में जगह पा चुके हैं. सिंधिया के ऐसे समर्थक जो उपचुनाव में हार गए थे, लेकिन बीजेपी में शामिल हो चुके थे उन्हें इन सियासी नियुक्तियों में खास तबज्जो दी गई है. इसके बाद अब सरकार मिशन 2023 की तैयारी में जुटने जा रही है. बीजेपी के विधायकों को भी सत्ता और संगठन की तरफ से होमवर्क सौंपा गया है. सिंधिया समर्थकों को एडजस्ट करने के बाद अब बीजेपी अपने अंतर्विरोध को खत्म करने के लिए जो पद बचे हुए हैं उनपर ऐसे लोगों को मौका दे सकती है जो की पार्टी के लिए समर्पित हैं और पार्टी के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोले हैं.
मंत्रियों की परफॉर्मेंस और रिपोर्ट कार्ड देखेंगे शिवराज
शिवराज मंत्रिमंडल में 34 मंत्री शामिल किए जा सकते हैं. अभी 30 मंत्री मौजूद हैं और 4 पद खाली हैं. पार्टी के कई वरिष्ठ विधायक मंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं. सीएम शिवराज सिंह अपने मौजूदा मंत्रियों से वन-टू-वन करेंगे और उनका रिपोर्ड कार्ड देखेंगे. माना जा रहा है संभावित फेरबदल और 2023 की रणनीति तय करने के लिए शिवराज मंत्रिमंडल में कमजोर या एवरेज परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों का कद घटाया जा सकता है या उन मंत्रियों के विभाग बदले जा सकते हैं. 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए क्षेत्रीय योजनाओं के संबंध में जिलों से भी विवरण मांगा गया है.
तैयार होगी हारी हुई सीटों को जीतने की रणनीति
पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को लेकर बैकफुट पर आई बीजेपी अब किसी भी समाज को नाराज करना नहीं चाहती. इसके अलावा पार्टी का फोकस ऐसी सीटों पर जहां बीजेपी जीत दर्ज नहीं कर पाई. सूत्रों के मुताबिक पार्टी के रणनीतिकार इन क्षेत्रों में बड़ी योजनाएं मंजूर करने और भाजपा के जनाधार को बढ़ाने के लिए लगातार चिंतन -मंथन कर रहे हैं.
आलाकमान के ग्रीन सिग्नल का इंतजार
हालांकि शिवराज के सामने अब चुनौती यह है कि मंत्रीमंडल मे सिर्फ चार जगह खाली हैं. ऐसे में 4 लोगों को ही मंत्री बनाया जा सकता है. इससे पार्टी में असंतोष हो सकता है. इसे देखते हुए सत्ता और संगठन के लोग नीति बना रहे हैं. माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार के लिए केंद्र से हरी झंडी मिलने का है इंतजार है. हाईकमान हरी झंडी देता है तो जल्द ही शिवराज सिंह के मंत्रिमंडल की चार खाली सीट भरी जा सकती हैं.