भोपाल ।
डेढ़ साल बाद प्रदेश के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में कक्षा पहली से पांचवी तक की कक्षाएं सोमवार से पुन: संचालित होंगी। 50 फीसद उपस्थिति के साथ प्रायमरी स्कूल खोले जाएंगे। राजधानी भोपाल के स्कूलों में भी इसे लेकर पूरी तैयारियां हैं। रविवार को भी स्कूलों में साफ-सफाई की गई। राजधानी के कई स्कूलों में साफ-सफाई के कार्य किए गए। स्कूलों और छात्रावासों में भारत सरकार और राज्य स्तर से जारी एसओपी और कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। विद्यार्थियों की ऑनलाइन कक्षाएं और डिजिटल माध्यम से पढ़ाई पहले की तरह ही संचालित की जाएगी।
शिक्षकों का कहना है कि इस बार बच्चों के स्कूल पहुंचने पर सुरक्षा को लेकर उनकी भी जिम्मेदारियां बढ़ गई है, क्योंकि इस बार बहुत छोटे बच्चे हैं, जिनका पूरा ध्यान रखना होगा। वहीं कक्षा आठवीं, दसवीं और बारहवीं के शत-प्रतिशत विद्यार्थियों के लिए छात्रावास और आवासीय विद्यालय संचालित किए जाएंगे। कक्षा 11वीं के विद्यार्थियों के लिए भी स्कूल और छात्रावास खोले जाएंगे, लेकिन छात्रावास में उनकी कुल क्षमता के 50 फीसद से अधिक विद्यार्थी उपस्थित नहीं होंगे। विद्यालय और छात्रावास में अभिभावकों की सहमति पत्र से ही विद्यार्थी उपस्थित हो सकेंगे।
50 फीसद क्षमता के साथ लगेंगी कक्षाएं
प्रायमरी स्कूलों में 50 फ़ीसद क्षमता के साथ कक्षाओं का संचालन होगा। कक्षा पहली से लेकर कक्षा पांचवी तक के बच्चों को 50 फ़ीसद क्षमता के साथ स्कूल में बुलाया जाएगा। पहले दिन स्कूल बुलाने वाले बच्चों को व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से माता-पिता को मैसेज किया गया है। स्कूलों में माता-पिता की लिखित सहमति अनिवार्य होगी। माता-पिता की लिखित सहमति पत्र के बिना बच्चों को क्लास रूम में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
मास्क व सुरक्षित शारीरिक दूरी का होगा पालन
शासकीय सरोजिनी नायडू कन्या प्राइमरी विद्यालय की प्रभारी प्रधानाध्यापिका नीना श्रीवास्तव का कहना है कि क्लास रूम में बच्चों को सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन करते हुए एक बेंच-डेस्क पर एक बच्चे को बैठाया जाएगा। क्लास में बच्चों को मास्क अनिवार्य किया गया है। हर शिक्षक की क्लास रूम में ड्यूटी लगाई गई है, कि बच्चे एक-दूसरे के साथ दूरी का पालन करें। बच्चों के लंच बॉक्स और बॉटल को एक- दूसरे के साथ शेयर ना करने को लेकर भी निगरानी की जाएगी।
शिक्षक-अभिभावक बैठक के जरिए बच्चों को स्कूल भेजने पर चर्चा
प्राइमरी स्कूल खुलने से ठीक पहले तीन दिनों तक बच्चों के अभिभावकों और शिक्षकों की बैठक आयोजित की गई। पैरंट्स-टीचर मीटिंग (पीटीएम) के जरिए शिक्षकों ने माता-पिता से बच्चों को रोजाना स्कूल भेजने को लेकर चर्चा की। शिक्षकों का कहना है कि कुछ माता-पिता बच्चों को भेजने के लिए तैयार है, लेकिन कुछ अभिभावकों में कोरोना संक्रमण को लेकर डर भी दिखाई दिया। शिक्षकों ने अभिभावकों से आग्रह किया कि अगर किसी बच्चे में सर्दी-खांसी-जुकाम, बुखार के लक्षण हैं, तो उसे स्कूल बिल्कुल भी ना भेजें। स्कूल ना आने वाले बच्चों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन पहले की तरह ही किया जाएगा।
प्रदेश में कब से खुल रहे स्कूल
दसवीं-बारहवीं- 26 जुलाई से सप्ताह में दो दिन।
नौवीं-ग्यारहवीं- पांच अगस्त से सप्ताह में दो दिन।
छठवीं से बारहवीं- एक सितंबर से सप्ताह में छह दिन!