भोपाल ।
संकट की यह घड़ी चुनौतीपूर्ण है। समन्वय और आपसी सहयोग के साथ इस चुनौती का सामना किया जा सकता है। कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए इलाज की जो गाइड लाइन है, उसका पूरी तरह से पालन किया जाए। अस्पतालों में मरीजों के स्वजन को सख्ती के साथ रोका जाए। स्वजन के लिए बैठने, चाय व नाश्ते की व्यवस्था दूर की जाए। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के निजी अस्पतालों के चिकित्सकों के साथ सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में संक्रमण की गति में स्थिरता आई है। इसके जल्द ही और सुधरने की संभावना है। सरकार ऑक्सीजन और दवाओं की व्यवस्था कर रही है। ऑक्सीजन के खाली सिलेंडरों को वायुसेना के विमान से भेजा जा रहा है। बोकारो से ऑक्सीजन रेल भी आने वाली है। दस हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन सोमवार को मिले हैं।
उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन एवं रेमडेसिविर इंजेक्शन के उपयोग का एक निश्चित प्रोटोकॉल तैयार किया जाए। जब भी मरीज को दूसरे अस्पताल में भेजा जाए तो सावधानी बरती जाए। सेवा के काम में किसी प्रकार की बाधा न आए, इसके लिए पारदर्शिता पर भी ध्यान दें। इलाज की दरों को ऐसी जगह प्रदर्शित करें, जहां से सबको नजर आए।
कांफ्रेंस में भोपाल से डॉ. अजय गोयनका, डॉ. रूपेश जैन, डॉ. प्रद्युम्न पांडे और डॉ. राजेश शर्मा, इंदौर से डॉ. रवि डोसी, डॉ. मनीष जैन, डॉ. दीपक बंसल, ग्वालियर से डॉ. प्रियमवद भसीन और डॉ. पूणेंद्र भसीन, जबलपुर से डॉ. प्रदीप पटेल, डॉ. सुरेश पटेल, डॉ. जितेंद्र भार्गव, उज्जैन से डॉ.आरती जुल्का, बालाघाट से डॉ. एसके श्रीवास्तव और बैतूल से डॉ. योगेश पंडगरे सहित अन्य चिकित्सक शामिल हुए।