नई दिल्ली।
चार राफेल युद्धक विमानों की पांचवीं खेप बुधवार को देर रात 11.45 बजे फ्रांस से भारत पहुंच गई है। बिना रुके आठ हजार किलोमीटर का सफर तय करते हुए इन विमानों में रीफ्यूलिंग की व्यवस्था फ्रांस की वायुसेना और यूएई ने की।
पांचवीं खेंप के साथ भारत के पास 18 राफेल विमान हो गए
भारतीय वायुसेना के प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने बुधवार को ही इन विमानों को हरी झंडी दिखाकर फ्रांस के मैरिग्नेक बॉरडॉक्स एयरबेस से रवाना किया था। अधिकारियों ने बताया कि राफेल युद्धक विमानों की इस पांचवीं खेंप के भारत पहुंचते ही भारतीय वायुसेना के पास फिलहाल कुल 18 राफेल विमान हो गए हैं। इससे भारतीय वायुसेना के पास राफेल विमानों की एक स्क्वाड्रन पूरी हो गई है।
18 विमानों की पहली स्क्वाड्रन अंबाला एयरबेस पर तैनात
18 विमानों की पहली स्क्वाड्रन को अंबाला एयरबेस पर तैनात किया गया है। जबकि दूसरी स्क्वाड्रन यानी अन्य 18 राफेल विमानों को पश्चिम बंगाल के हाशिमारा एयरबेस पर तैनात किया जाना है।
वायुसेना प्रमुख भदौरिया पांच दिवसीय दौरे पर फ्रांस गए थे
वायुसेना प्रमुख भदौरिया ने पांच दिवसीय दौरे पर फ्रांस सोमवार को ही पहुंचे हैं। वह फ्रांसीसी पायलटों के साथ इन विमानों को बिना रुके भारत पहुंचने के लिए फ्रांस और यूएई की व्यवस्था देखने गए हैं।
चारों राफेल विमान देर रात 11.45 बजे वायुसैनिक अड्डे पर लैंड हुए
चारों राफेल विमान बुधवार की देर रात 11.45 बजे किसी भारतीय वायुसैनिक अड्डे पर लैंड हुए। इन विमानों की रीफ्यूलिंग हर बार की तरह इस बार भी हवा में ही हुई और इस कार्य भी यूएई ने ही अपने वायुक्षेत्र में अंजाम दिया। भारतीय दूतावास ने कोविड-19 के दौर में भी राफेल विमान निर्धारित समय के अंदर भारत को सौंपने और पायलटों के समुचित प्रशिक्षण के लिए धन्यवाद दिया है। साथ ही विमानों की बिना रुके उड़ान के दौरान हवा में ही विमानों में ईंधन भरने के लिए भी यूएई का आभार जताया है।
भारत ने फ्रांस से 36 राफेल युद्धक विमान खरीदने का फैसला 2016 में किया था
भारतीय वायुसेना के लिए फ्रांस से 36 राफेल (दो स्क्वाड्रन) युद्धक विमान खरीदने का फैसला सितंबर, 2016 में भारत सरकार ने किया था। दोनों सरकारों के बीच यह रक्षा सौदा 59 हजार करोड़ रुपये में हुआ था। इस साल के अंत तक सभी 36 विमान भारत को मिल जाने हैं।
डबल इंजन वाला यह युद्धक विमान परमाणु हमले तक में सक्षम है
दो इंजनों वाला यह युद्धक विमान परमाणु हमले तक में सक्षम है। यह एक साथ 14 स्थानों को निशाना बना सकता है। यह एयर डिफेंस शील्ड से लेकर हवाई से जमीन और समुद्री हमला तक करने में सक्षम है। इसमें हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, स्काल्प क्रूज मिसाइल और हैमर स्मार्ट वेपन भी हैं।