राजधानी में एक हफ्ते की लॉकडाउन की घोषणा होते ही अफता तफरी का माहौल बन गया है। हजारों की तदाद में मजदूरों ने घर और रवाना होना शुरू कर दिया है। उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इस पर चिंता जताते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मुख्य सचिव से मुलाकात की है। सूत्राें के अनुसार अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार को मजदूरों को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया है।
दिल्ली उपराज्यपाल ने प्रवासी कामगारों से दिल्ली ना छोड़ने की अपील करते हुए उनकी मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने सरकार को नर्देश दिए कि मजदूरों में किसी तरह का पैनिक ना हो, इस तरह की व्यवस्था की जाए। सूत्राें की मानें तो दिल्ली में प्रवासी मजदूरों के लिए अलग-अलग तरह की व्यवस्थाएं की जाएंगी। जिन मजदूरों को रहने की दिक्कत है, उनके लिए रैन बसेरों का प्रबंध किया जाएगा। शाम को एक बार फिर मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल की बैठक हो सकती है।
मजदूरों की समस्या से निपटने के लिए नोडल ऑफिसर की भी नियुक्ति की गई है। वहीं दूसरी ओर प्रवासी मज़दूर भारी संख्या में विहार टर्मिनल पहुंचे। एक मज़दूर ने बताया कि पिछले लॉकडाउन में हम लोग यहां फंस गए थे इसलिए हम लोग अभी ही अपने घर जा रहे हैं। पिछले बार हम लोगों ने यहां बहुत परेशानी का सामना किया था।
याद हो कि अरविंद केजरीवाल ने भी राजधानी में एक हफ्ते की लॉकडाउन की घोषणा करते हुए प्रवासी लोगों से दिल्ली नहीं छोड़कर जाने की अपील करते हुए कहा था कि ‘मैं हूं ना’, मुझ पर भरोसा रखो। लेकिन उसके बाद भी आनंद विहार आईएसबीटी पर हजारों लोगों को अपने घर रवाना होने के लिए बस पाने की कोशिश करते देखा गया। दरअसल प्रवासी कामगारों को आशंका है कि दिल्ली में रोजाना कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, ऐसे में लॉकडाउन बढ़ाया जा सकता है।