उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में आरोपी जवाहर लाल विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र उमर खालिद को जमामत दे दी गई है। दिल्ली की कड़कड़डुमा कोर्ट ने कोरोना के चलते जमानत की एक शर्त रखी है। खालिद को मोबाइल में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना होगा। कोर्ट ने कहा कि खालिद को हर तारीख पर कोर्ट में पेश होना पड़ेगा। इसके साथ ही न ही सूबतों के साथ छेड़छाड़ करने और न ही गवाहों को प्रभावित करेगा। साथ ही समाज में शांति और सौहार्द बनाए रखने में सहयोग करेगा।
20 हजार के निजी मुचलके पर जमानत
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने उमर खालिद को 20 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दी है। उमर खालिद को कोर्ट निर्देश दिया है कि वह खजूरी खास के एसएचओ को अपना मोबाइल नंबर देगा और हर वक्त मोबाइल नंबर को ऑन रखेगा। इसके अलावा कोर्ट ने कहा है कि वह अपने मोबाइल नंबर पर आरोग्य सेतु ऐप को भी डाउनलोड करके रखेगा। उमर खालिद से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए जज ने यह भी कहा कि उसे सिर्फ इसलिए अनिश्चितकाल तक के लिए जेल में नहीं रख सकते, क्योंकि कुछ लोग जो कि दंगे की भीड़ का हिस्सा रहे उनकी पहचान हो गई है या फिर वे पकड़े गए हैं।
उमर खालिद पर इन दंगों की साजिश रचने का आरोप
बता दें कि उमर खालिद पर इन दंगों की साजिश रचने का आरोप है। पुलिस ने कहा था कि दंगों से पहले 8 जनवरी 2020 को खालिद ने ताहिर हुसैन व अन्य से शाहीन बाग इलाके में मुलाकात कर दंगों की साजिश रची। इसके लिए पहले से तैयार रहने की योजना भी बनाई गई। दिल्ली पुलिस ने खालिद को हिंसा की साजिश में सक्रिय भूमिका निभाने के आरोप में आतंकवाद निरोधक कानून (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया था।