भारतीयों के लिए अब भूटान जाना और आसान हो सकता है. पड़ोसी देश भूटान से कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए भारतीय रेलवे बोर्ड ने मुजनई-न्योनपेलिंग रेल लिंक बनाने को लेकर सर्वे पूरा कर लिया है. सर्वे के बाद अगर रेलवे लाइन को हरी झंडी मिल जाती है तो जल्द ही भारत से भूटान का सफर ट्रेन से किया जा सकेगा.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, रेल मंत्री पीयूष गोयल हाल ही में भूटान-भारत स्टार्ट अप समिट 2020 के सिलसिले में भूटान पहुंचे थे. भारतीय रेलवे की एक टीम भी भूटान का दौरा करेगी और वहां के खदान विभाग के साथ गिट्टी के निर्यात को लेकर एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) को अंतिम रूप देने पर चर्चा करेगी. रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों देशों ने पांडू, जोगीगोपा और अगरतला पर नए ट्रांजिट कस्टम रेलवे को लेकर अधिसूचना जारी करने पर भी चर्चा की.
भारत-भूटान के अलावा, उत्तर-पूर्वी भारतीय राज्यों को रेलवे रूट के जरिए बांग्लादेश से भी जोड़ा जाएगा. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने हाल ही में ऐलान किया था कि बांग्लादेश और उत्तर-पूर्वी भारत के बीच 2021 के अंत तक रेलवे लाइन बनकर तैयार हो जाएगी. उन्होंने बताया था कि त्रिपुरा के अगरतला से बांग्लादेश के आखुरा के बीच रेल लाइन का निर्माण होने के बाद 2022 में पहली ट्रेन चलाई जाएगी.
फिलहाल भूटान जाने की क्या है व्यवस्था?
भारत से भूटान तक आप फ्लाइट और रोड दोनों रास्तों से जा सकते हैं. अगर आप फ्लाइट से भूटान जाना चाहते हैं तो भूटान एयरलाइंस से जाएं. ये आपको भूटान के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पारो तक पहुंचाएगा.
अगर आप रोड ट्रिप करना चाहते हैं तो आपको भारत-भूटान सीमा पर स्थित भूटानी शहर फुनशेलिंग से टूरिस्ट परमिट लेना होगा. इसके लिए आपके पास पासपोर्ट या मतदाता पहचान पत्र और 2 पासपोर्ट साइज फोटो होने चाहिए.