मध्य प्रदेश में शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद से क्षेत्रीय असंतुलन दिख रहा है. प्रदेश के महाकौशल एवं विंध्य संभाग को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला है, जिसके कारण क्षेत्रीय नेता असंतुष्ट दिखाई दे रहे हैं। वहीं, मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर कहा है कि मंत्री परिषद के निर्माण से जबलपुर और रीवा संभाग के नागरिकों में असंतोष है। उन्होंने कहा आपकी मजबूरी को मैं समझ सकता हूं, पर यह आमजन नहीं समझते।
उन्होंने कहा कि आप स्वयं जबलपुर रीवा जिले का प्रभार लें, जिससे लोगों की नाराजगी दूर होगी। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व भी दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री रहते हुए जबलपुर की प्रभारी मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने सिंधिया खेमे से बनाए गए मंत्रियों से आग्रह किया कि वे बिना विभाग के मंत्री बनें, जिससे वे अपने क्षेत्र में पर्याप्त रूप से कार्य कर पाएंगे।
बीजेपी नेता अजय विश्नोई के इस बयान के बाद से मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल सा आ गया है और भारतीय जनता पार्टी के अंदर नाराजगी स्पष्ट रूप से दिखने लगी है। विश्नोई का कहना है की सार्वजनिक प्रदर्शन उचित है या अनुचित यह नहीं कह सकते, पर कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। इसी कारण उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा और वर्तमान में वह मंत्री जो विधायक नहीं हैं उनसे विभाग ना लेने का आग्रह किया ताकि आने वाले समय में कोई समस्या उत्पन्न ना हो।
वहीं, राजनीतिक विश्लेषक अजय विश्नोई के इस कदम को नाराजगी के साथ-साथ दबाव की राजनीति के रूप में देख रहे हैं। विश्लेषकों का कहना है कि अजय विश्नोई पत्र के माध्यम से शिवराज सिंह पर दबाव बनाना चाह रहे हैं।