स्कूल की तीसरी मंजिल से गिरा दसवीं कक्षा का छात्र

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इंदौर में निजी स्कूलों पर नकेल कसना अब प्रशासन के लिए एक चुनौती बन गया है। अक्सर निजी स्कूलों के प्रबंधन की लापरवाही के मामले सामने आ रहे है, जिसके चलते नौनिहालों की जिंदगी पर सवालिया निशान खड़े हो रहे है, लेकिन इन पर नकेल कसने वाला स्कूली शिक्षा विभाग नींद से जाग ही नहीं पा रहा है।
बता दें कि कुछ समय पहले इंदौर के तिलकनगर क्षेत्र में स्थित सतवीं की छात्रा से टीचर द्वारा बर्बरता का मामला सामने आया था, जिसके बाद पालक पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंचे थे। वहीं अब नंदानगर क्षेत्र के एक घरनुमा बने स्कूल की लापरवाही से एक छात्र की जान पर बन आई है। घटना शहर के नंदा नगर स्थित जाॅइंट मिशन हायर सेकेंडरी स्कूल की है, जहां स्कूल की छत पर खेल रहे छात्र की, स्कूल की लापरवाही के चलते जान जोखिम में पड़ गई। जानकारी के मुताबिक दसवीं कक्षा का छात्र अनिल पिता श्यामवीर तोमर अचानक स्कूल की तीसरी मंजिल से गिर गया। इसके बाद आनन-फानन में आसपास के लोगों ने छात्र को एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए ले गए। इधर, मामले में स्कूल की लापरवाही उस समय उजागर हुई जब स्कूल प्रबंधन ने सभी बच्चों की छुट्टी कर स्कूल के ताले जड़ दिए, और मौके से फरार हो गए, ताकि घटना की जिम्मेदारी प्रबंधन पर ना आये। मीडिया को देख स्कूल से भागे प्रबंधन ने कोई जानकारी नहीं दी, और भागना ही मुनासिब समझा।
बता दें कि तीन मंजिला बिल्डिंग में 12 वी क्लास तक के सैंकड़ों बच्चे पढ़ते है ना ही उनके लिये कोई खेल का मैदान है और ना स्कूल में उनकी सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम है। ऐसे में सवाल ये उठता है क्षेत्रीय बीआरसी कार्यालय के अधिकारियों ने किस आधार पर स्कूल को एक समय मान्यता दी थी, और कैसे स्कूल को सीबीएसई की मान्यता मिल गई। ऐसे प्रशासन को शिक्षा माफियाओं पर कार्रवाई करना चाहिए, जो मोटी फीस वसूल कर बेहतर शिक्षा की जिम्मेदारी तो निभाने में नाकाम रहते है, और दूसरी तरफ बच्चों की जान भी आफत में डाल देते है। फिलहाल, घटना के बाद निजी अस्पताल में स्कूली छात्र का इलाज जारी है।

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