
इस वर्ष होलिका दहन 13 मार्च को है, लेकिन भद्रा काल के प्रभाव के कारण शुभ मुहूर्त सीमित रहेगा. भद्रा मुख के दौरान होलिका दहन करना अशुभ माना जाता है, इसलिए भद्रा पूंछ के समय दहन करना उचित होता है. भद्रा पूंछ 13 मार्च की रात 10:44 बजे के बाद समाप्त होगी, इसलिए इस समय के बाद होलिका दहन करना शुभ होगा.
यदि भद्रा काल के बाद होलिका दहन करना संभव न हो, तो रात्रि 11:26 बजे से 12:30 बजे के बीच का समय श्रेष्ठ मुहूर्त माना गया है.
भद्रा काल में होलिका दहन करने के संभावित दुष्प्रभाव
- अशुभ फल और संकट – इस दौरान दहन करने से परिवार, समाज और देश में संकट, दुर्घटनाएं या कलह बढ़ सकती हैं.
- बीमारियां और कष्ट – भद्रा काल में दहन करने से लोगों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे बीमारियां और मानसिक तनाव बढ़ सकते हैं.
- फसल और आर्थिक नुकसान – कृषि और व्यापार में हानि होने की आशंका रहती है, जिससे आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.
- पारिवारिक और सामाजिक विवाद – इस समय होलिका दहन करने से पारिवारिक कलह और समाज में आपसी मतभेद बढ़ सकते हैं.