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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया। इस बजट में वित्त मंत्री ने मिडिल क्लास का ख्याल रखते हुए 12 लाख रुपये कमाई तक इनकम टैक्स छूट (Income Tax) का ऐलान किया। इस घोषणा ने मध्य वर्ग को बड़ी राहत दी है। बजट पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस अध्यक्ष ने बजट की आलोचना करते हुए भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। बजट पर खरगे ने कहा कि एक मुहावरा इस बजट पर बिलकुल सटीक बैठता है – नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली।कांग्रेस अध्यक्ष सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा कि पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार ने मिडिल क्लास परिवारों से 54.18 लाख करोड़ रुपये का इनकम टैक्स वसूला है और अब वह 12 लाख तक की जो छूट दे रहें हैं। उसके हिसाब से वित्त मंत्री खुद कह रहीं हैं कि साल में 80,000 रुपये की बचत होगी। यानी हर महीने मात्र ₹6,666 की। उन्होंने कहा कि पूरा देश महंगाई और बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहा है, पर मोदी सरकार झूठी तारीफ बटोरने पर उतारू है।
मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि इस घोषणावीर बजट में अपनी खामियां छिपाने के लिए मेक इन इंडिया को नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मशीन बना दिया गया है। उन्होंने अन्य घोषणाओं का जिक्र भी कियाः-
1- युवाओं के लिए कुछ नहीं है।
2- नरेंद्र मोदी ने कल वादा किया था कि इस बजट में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए वो बड़ा कदम उठाएंगे, पर बजट में कुछ ऐसा नहीं निकला।
3- किसानों की आय दोगुना करने के लिए कोई रोड मैप नहीं है. खेती के सामान पर GST दर में कोई रियायत नहीं दी गई।
4- दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग, गरीब और अल्पसंख्यक बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा, स्कॉलरशिप की कोई योजना नहीं।
5- प्राइवेट इनवेस्टमेंट कैसे बढ़ाना है, उसके लिए कोई रिफॉर्म का कदम नहीं है।
6- एक्सपोर्ट और टैरिफ पर दो चार सतही बातें कहकर अपनी विफलताओं को छिपाया गया है।
7- गरीब की आय को बढ़ाने के लिए कुछ नहीं किया गया है।
8- लगातार गिरते कंजप्शन पर एक भी कदम नहीं उठाया गया है।
9- आसमान छूती महंगाई के बावजूद मनरेगा का बजट वही का वही है. श्रमिकों को आय बढ़ाने के लिये कुछ नहीं किया गया।
10- जीएसटी के मल्टीपल रेट्स में कोई सुधार की बात नहीं की गई है।
11- बेरोजगारी को कम करने के लिए, नौकरियां बढ़ाने की कोई बात नहीं की गई।
12- स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया, स्किल इंडिया, ये सभी योजनाएं बस घोषणा साबित हुईं।
कुल मिलाकर ये बजट 2025 मोदी सरकार की ओर से लोगों की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास है।